लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के हास्टल से कूदने वाली जूनियर रेजीडेंट डाक्टर को होश आ गया है। इलाज कर रहे डाक्टरों के अनुसार उसे होश में आने के बाद अभी कम हो रही है। इशारों में बात करके खुद को ठीक होना बताया है। डाक्टरों का कहना है कि वेंटिलेटर सपोर्ट पर सर्जरी की गयी है। वेंटिलेटर से हटा कर देखा जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा, तो दो से तीन दिन में आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट किया जा सकता है। उधर अभिभावक अपने बेटी के होश में अाने के बाद बेहद खुश है। उनका कहना है कि उनकी बेटी ठीक हो जाए। किसी से कोई शिकायत नहीं है। हम सब बेटी को ठीक देखना चाहता हूं।
केजीएमयू में पीजी फस्र्ट ईयर की मेडिकल स्टूडेंट डा. प्रकृति ने हास्टल से कूद गयी। गंभीर हालत में उसे ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया था। ट्रामा सेंटर में विशेषज्ञ डाक्टरों की देखरेख में उसका इलाज किया जा रहा है। यहां पर पैरों में फ्रेक्चर की सर्जरी वेंटिलेटर सपोर्ट पर आर्थोपैडिक विभाग के डाक्टरों ने कर दिया था। वेंटिलेटर सपोर्ट पर चल रहे इलाज में शुक्रवार को डा. प्रकृति को होश को आ गया। होश में आने के बाद अभी वह ठीक से बोल नहीं रही है। ज्यादातर इशारों में बात कर रही है। इलाज कर रहे डाक्टरों के अनुसार होश में आने के बाद वेंटिलेटर सपोर्ट से भी हटा कर देखा जा रहा है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो दो तीन दिन में आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
उधर केजीएमयू प्रशासन ने बैठक करके रेजिडेंट डाक्टरों सहित अन्य सभी मेडिकोज की काउंसलिंग के लिए एसओपी तैयार करने के लिए मानसिक रोग विभाग के डा. अनिल निश्चल को कहा गया है। कुलपति ने जल्द से जल्द इसे अमली जामा पहनाने के लिए कहा है। बताते चले कि केजीएमयू प्रशासन के कामों में तेजी तब आयी, जब डिप्टी सीएम ने केजीएमयू में जूनियर रेजीडेंट डाक्टर का हालचाल लेने के बाद केजीएमयू प्रशासन को मेडिकोज से जुड़ी समस्याओं का निदान जल्दी से जल्दी करने के निर्देश दिये थे।