लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में सीनियर नर्सिंग ऑफिसर की जांच जूनियर नर्स से कराने का प्रकरण का खुलासा विरोध प्रदर्शन के बाद हुआ है, जिसकों लेकर सीनियर नर्सिंग ऑफिसरों में आक्रोश व्याप्त हो गया। हालांकि समय रहते केजीएमयू प्रशासन ने आक्रोशित नर्सिंग ऑफिसर को समझाकर प्रदर्शन को शांत कराया है।
बताते चले कि केजीएमयू में करीब पांच हजार बिस्तर हैं। वहीं यहां दो हजार से अधिक नर्सिंग ऑफिसर तैनात हैं।
बृहस्पतिवार को लगभग पचास नर्सिंग ऑफिसर मुख्ंय चिकित्सा अधीक्षक कार्यालय पर पहुंच गये। बताया जा रहा है कि यह सभी जूनियर नर्सों की तरफ से की जा रही जांच से परेशान थे। आक्रोश सीनियर नर्सिंग ऑफिसरों ने प्रदर्शन करते हुए यह सवाल पूछा कि जूनियर अपने सीनियर की जांच कैसे कर सकता है। जांच हमेशा सीनियर को करनी चाहिए, लेकिन केजीएमयू प्रशासन ने ही यह नियम बनाया था कि केजीएमयू में तैनात नर्सिंग ऑफिसर की जांच स्वास्थ्य विभाग की नर्स करेगा। आरोप यह भी है कि केजीएमयू में तैनात स्वास्थ्य विभाग की नर्सों की तरफ से की जा रही जांच में निष्पक्षता भी नहीं बरती जा रही थी।
केजीएमयू नर्सिंग एसोसिएशन के संरक्षक प्रदीप गंगवार ने बताया कि केजीएमयू प्रशासन का यह कार्रवाई सही नहीं है,जूनियर से सीनियर की जांच कराना बिल्कुल सही नहीं कहा जा सकता। मेट्रन की जांच स्वास्थ्य विभाग की तरफ से केजीएमयू में तैनात सिस्टर इंचार्ज से करायी जा रही थी। इसी बात का विरोध जताने के लिए जिम्मेदार अधिकारियों से वार्ता की गयी, जिसका सकारात्मक परिणाम आया है।
इसके साथ उन्होंने आज सीएमएस और एमएस से मुलाकात के दौरान 5000 बेड के इस अस्पताल को दस जोन में बांटकर एएनएस और डीएनएस के तैनाती की मांग की है।