लखनऊ। बीतीरात किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर के निजी सुरक्षा गार्डो ने बीतीरात तीमारदार को लाठी- डंडों से जमकर पीटा। अपनी बच्ची का इलाज करा रहे तीमारदार का कसूर सिर्फ इतना था कि उसने गार्डो को अभद्रता करने से रोकने की गलती की थी। पिटाई से तीमादार को अंाख पैर में काफी चोट आयी है। केजीएमयू प्रशासन मामले को उलट ही बता रहा है कि गलती तीमारदार की है वह ही सुरक्षा गार्ड से भिड़ गया था। उनका कहना है कि कही कोई लाठी डंडा नहीं चला है। बस हाथपायी हुई है। बताते चले कि केजीएमयू के निजी एजेंसी में लगे गार्ड कभी भी नेम प्लेट नहीं लगाते है आैर इनकी शिकायत करने पर कोई कार्रवाई भी नहीं होती है।
तीमारदारों को हटाने पर कहासुनी हुई –
पांच दिन पहले ट्रामा सेंटर में नगराम निवासी सुहैल अहमद की एक महीने की बच्ची को बीमार होने पर नियोनेटल केयर यूनिट में भर्ती कराया था। भर्ती के देखभाल में लगे सुहंैल के परिजनों की मंगलवार की दोपहर को सुरक्षा गार्डो ने नियोनेटल यूनिट के बाहर बैठे तीमारदारों को हटाने पर कहासुनी हुई। सुहैल व तीमारदारों का आरोप था कि गार्ड हाथ लगा कर लोगों को भगा रहे थे आैर अभद्र भाषा का प्रयोग कर रहे थे। इसकी शिकायत सुहैल ने ट्रामा सेंटर पीआरओ व मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के साथ ही पुलिस चौकी में कर दी। इस शिकायत से सुरक्षा गार्ड भड़क गये। बीतीरात करीब साढ़े दस बजे ट्रामा सेंटर के बाहर एक बार फिर सुहैल की उन्ही सुरक्षा गार्डो से कहा सुनी हो गयी।
इस प्रकार की घटना अब नहीं होगी –
नोंक झोंक हो गयी। वह सब सुहैल से भिड़ गये। आरोप है कि इसके बाद सुरक्षा गार्डो ने मिल कर सुहैल की लाठी डंडो से पिटाई कर दी। पिटाई में सुहैल की आंख व पैर में चोट आयी है। इस पर केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने तत्काल जानकारी तलब की आैर तीमारदार को दोषी ठहरा दिया गया। इसके साथ ही केजीएमयू प्रशासन ने तीमारदार से कहा है कि इस प्रकार की घटना अब नहीं होगी। प्रत्यक्षदर्शी तीमारदारों का आरोप है कि ट्रामा सेंटर में सुरक्षा गार्ड दोहरा व्यवहार करते है। गेट पर किसी का पास देखते है आैर किसी को ऐसे ही आने जाने देते है।