किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) के आर्थोपेडिक डिपार्टमेन्ट में मंगलवार को आयोजित स्पाइन वीक आयोजन में यूएसए के सेन्टर फॉर स्कोलिसिस एण्ड एडवांस स्पाइन सर्जरी के निदेशक प्रो. दिलीप के सेनगुप्ता आए हुए हैं, जो एडवांस तकनीक की जानकारी दे रहे हैं। उनके साथ सर्जरी में वरिष्ठ डाक्टर सहयोग कर रहे हैं, वहीं सभागार में जूनियर डाक्टर के लिए लाइव सर्जरी दिखायी जा रही है। मंगलवार को दो ऑपरेशन किये गये, जबकि बुधवार से दो ऑपरेशन थ्रिएटर शुरू किये जाएंगे।
केजीएमयू में एडवांस टेक्नीक साझा की जाए –
मुख्य आयोजन नौ फरवरी को केजीएमयू के कलाम सेन्टर में मध्याह्न 12 बजे होना है। कार्यक्रम के आर्गनाइजिंग चेयरमैन प्रो. जीके सिंह ने बताया कि देश में स्पाइन सर्जरी की शुरुआत केजीएमयू व मद्रास के चिकित्सकीय संस्थान से हुई है। शुरुआती चरण में ही प्रो. दिलीप के सेनगुप्ता भी कुछ समय तक फल्टी से जुड़े रहे। इसके बाद प्रो. सेनगुप्त यूएसए में अपनी सेवाएं देने लगे। कई साल वहां प्रैक्टिस करने के बाद अब उन्हें लगता है कि केजीएमयू में एडवांस टेक्नीक साझा की जाए। इसके तहत इंडोअमेरिकन स्पाइन एलाइंस के साथ समझौता हुआ है। इसके जरिए अमेरिका के स्पाइनल सर्जन यहां आएंगे आैर यहां के वहां जाकर तकनीक सीख सकेंगे।
केजीएमयू के आर्थोपेडिक विभाग के इतिहास में ऐसा समझौता पहली बार हुआ है। कन्वीनियर प्रोफेसर आरएन श्रीवास्तव ने बताया कि हमारी कोशिश है कि उच्च तकनीक के साथ मरीजों को सस्ता उपचार मुहैया कराया जाए। इसी कड़ी में इम्प्लांट में लगाने वाले उपकरण तैयार किये जाने लगे हैं, इससे इलाज का खर्च काफी कम आएगा। पहली पाली में एक 35 वर्षीय पेन्टर का काम करने वाले की स्पाइन की सर्जरी की गयी, जबकि दूसरे सत्र में स्कोलिसिस (टेढ़ीमेढ़ी रीढ़ की हड्डी) से पीड़ित एक बच्चे की सर्जरी की गयी।