कार्य परिषद की बैठक में मिली हरी
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में दो वर्षो से आरक्षण प्रक्रिया में रुकी डाक्टरों की भर्ती की आखिरकार बुधवार को मंजूरी मिल गयी। जांच रिपोर्ट के आधार पर डाक्टर्स भर्ती होने की हरी झंडी देने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने आनन-फानन में कार्यपरिषद की बैठक बुधवार को बुला लिया। बैठक में चयनित डॉक्टरों के नियुक्ति संबंधी लिफाफे खोल दिये गये। काफी नवनियुक्त डॉक्टरों ने देर शाम तक केजीएमयू में नौकरी भी ज्वाइंन भी कर ली। इससे मरीजों को आैर बेहतर इलाज मुहैया कराना आसान हो गया है।
बुधवार को केजीएमयू में कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद की अध्यक्षता में कार्यपरिषद की बैठक बुलायी गयी। बैठक का एक मात्र एजेंडा डाक्टरों की भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी देना था। बैठक में सर्वसम्मति से प्रस्ताव की संस्तुति होने के बाद डॉक्टरों की भर्ती के लिफाफे खोले गये। आनन-फानन में नियुक्ति की सूचना मिलने डाक्टर केजीएमयू पहुंच भी गये। नियुक्त पत्र लेकर तत्काल ज्वाइंिनंग भी ले ली।
बताते चले कि केजीएमयू में वर्ष 2022 में 141 डॉक्टरों के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था। इसके बाद विज्ञापन के आधार पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू की गई। देश भर से डॉक्टरों ने नौकरी के लिए आवेदन किया। आवेदनों के आंकलन के बाद छंटनी की गयी। केजीएमयू ने पहली बार डाक्टरों के चयन के लिए लिखित परीक्षा का आयोजन भी किया गया। लिखित परीक्षा के बाद लगभग दो माह इंट्रव्यू भी कि ये गये।
आरक्षण सम्बधी शिकायत के बाद डॉक्टरों की भर्ती जांच प्रक्रिया में अटक गयी। आरोप था कि डॉक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण का पालन नहीं किया गया। शासन ने शिकायत पर जांच शुरु करायी। लम्बी चली जांच पड़ताल के बाद डॉक्टरों भर्ती की नियुक्ति सम्बधी लिफाफे खोलने की संस्तुति मिल गयी। इसके बाद बुधवार का कार्य परिषद की बैठक भर्ती प्रक्रिया को हरी झंडी दे दी गयी। बताया जाता है कि भर्ती संबंधी लिफाफे खोलने के बाद लगभग अस्सी डाक्टरों को नियुक्त दे दी गयी।