लखनऊ। सबसे ज्यादा मुंह का कैंसर को लोगों को होता है, लेकिन अब मुंह का कैंसर शुरुआती अवस्था में पहचाना जा सकेंगा। मुंह से कोशिका लेकर जांच कर बीमारी को शुरुआत में जानकारी होने पर सटीक इलाज किया जा सकता है। इससे मुंह के कैंसर से पीड़ित मरीजों के जल्द ठीक होने की संभावना बन गयी है। यह क्लीनिक खोज किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के फिजियोलॉजी विभाग के रिसर्च में निकला है। यह रिसर्च क्लीनिक एंड ट्रांसलेशनल आंकोलॉजी में प्रकाशित किया गया है।
फिजियोलॉजी विभाग की डॉ. श्रद्धा सिंह और डॉ. अखिलेश कृष्ण ने इस पर रिसर्च किया है। डॉ. श्रद्धा सिंह ने बताया कि पान मसाला व गुटखा का सेवन करने वाले 100 मरीजों को रिसर्च में शामिल किया गया। इनकी उम्र 40 वर्ष से अधिक थी। रिसर्च में मुंह में गाल के अंदर से कोशिकाएं ली गयी। इसके बाद बीटा-2 एनर्जिक रिसेप्टर का पता लगाया गया। रिसर्च में देखा गया कि मुंह के कैंसर से पीड़ित लोगों में यह रिसेप्टर बढ़ा रहता है।
इसके बाद मॉलीक्युलर स्तर पर जांच में यह भी पता चला है कि बीटा-2 एनर्जिक रिसेप्टर प्रोटीन अपनी प्रक्रिया अन्य प्रोटीन के माध्यम से ही करता है। बीटा-2 एनर्जिक रिसेप्टर कैंसर को बढ़ाने में मदद करता है। उन्होंने बताया कि शोध में शामिल 70 प्रतिशत लोगों में कैंसर की संभावना की पहचान की गयी।