लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में अब कैश नहीं आन स्पॉट आन लाइन शुल्क जमा करने की सुविधा मरीजों को मिलेगी। केजीएमयू में इसका ट्रायल कुछ काउंटर पर शुरू कर दिया गया है। खास बात यह होगी कि हर बार रुपया जमा करने के लिए अलग क्यू आर कोड होगा।
केजीएमयू में मरीजों व तीमारदारों को अब शुल्क जमा करने के लिए कैश रुपये लेकर भटकना नहीं होगा। यहां ओपीडी में प्रतिदिन पांच से छह हजार लोग आते है। बिस्तर भी ज्यादातर फुल ही रहते है। मरीजों को अभी सभी काउंटरों पर नगद शुल्क जमा हो रहा है। मरीजों व तीमारदारों को सबसे ज्यादा परेशानी कार्डियक, आर्थोपैडिक, पैथालॉजी, न्यूरो सर्जरी, रेडियोलॉजी में होती है। इन विभागों में पांच से दस लाख रूपये तक जमा हो जाते है। इसके अलावा लगभग सभी जगह व ट्रामा सेंटर में भी शुल्क जमा करने की लम्बी लाइन लगी रहती है। अगर देखा जाए तो लॉरी में स्टंट व आर्थो में इम्प्लांट के लिए एक से तीन लाख रुपये तक जमा करने होते है। तीमारदार पहले बैंक उसके बाद काउंटर पर शुल्क जमा करने के लिए लाइन लगना होता है।
केजीएमयू के आईटी सेल ने अब तक 150 लोगों को आनलाइन शुल्क जमा करके ट्रायल किया जा चुका है। ऑनलाइन शुल्क जमा करने में खास बाद यह होगी कि गड़बड़ी को रोकने के लिए हर बार बार कोड जनरेट होगा। स्वैप मशीन से बार कोड स्कैन किया जा सकता है। हर बार नया बार कोड सात मिनट के लिए मान्य होगा। केजीएमयू प्रवक्ता डा. सुधीर का कहना है कि कुलपति प्रो. विपिन पुरी के निर्देश पर केजीएमयू का डिजटलीकरण किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि डेबिट व क्रेडिट कार्ड दोनों से भुगतान किया जा सकेगा। ट्रायल के बाद धीरें- धीरें कुछ काउंटरों पर इसका प्रयोग शुरू किया जा रहा है।