केजीएमयू : आउटसोर्सिंग कर्मिंयों को दिहाड़ी मजदूर से भी कम वेतन

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लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय परिषद ने प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर मांग की है कि यहां पर तैनात आउटसोर्सिंग के तैनात कर्मियों को आम मजदूर से भी कम मानदेय दिया जा रहा है। ऐसे में इतना शोषण कई वर्षो से जारी है। यहां पर इनके लिए कोई नियमावली नही है। इस लिए मान देय बढ़ाने के साथ ही नियमावली बनायी जाए ताकि इनका शोषण न हो सके।
केजीएमयू में आउट सोर्सिंग पर तैनात एक स्वास्थ्य कर्मी को प्रतिदिन अधिकतम 330 रुपये (जीएसटी की कटौती के उपरांत) की दर से प्रतिमाह वेतन भुगतान किया जा रहा है। यह एक मजदूर को दिये जाने वाले दिहाड़ी से भी कम है। परिषद के अध्यक्ष प्रदीप गंगवार ने कहा है कि केजीएमयू में कार्यरत आउट सोर्सिंग क र्मियों को दी जाने वाले वेतन, सुविधाएं नहीं दी जाती है। उन्होंने कहा कि पीजीआई व लोहिया संस्थान में आउटसोर्सिंग कर्मियों को केजीएमयू से ज्यादा वेतन सुविधाएं दी जा रही है। केजीएमयू के आउट सोर्सिंग कर्मियों को वेतन व नियमावली बनाने का निर्देश दे ताकि वह भी अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।
चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र भेजकर कर्मचारी परिषद ने आउटसोर्सिग कर्मचारियों की समस्याओं से अवगत करा कर कार्रवाई की मांग की है।

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