लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के मानसिक रोग विभाग में तैनात की गयी रिकेशनल थेरेपिस्ट वर्तमान में प्रशासनिक कार्यालय में स्टेनो पद पर काम कर रही है। इससे मरीजों के इलाज में दिक्कत हो रही है। एक मात्र रिकेशनल थेरेपिस्ट होने के कारण मानसिक रोग विभाग ने कई बार प्रशासनिक अधिकारियों को पत्र लिख कर मूल पद पर तैनाती की मांग की है, लेकिन सुनवाई नही हो पा रही है।
केजीएमयू के मानसिक रोग विभाग में मृतक आश्रित कोटे के तहत रिकेशनल थेरेपिस्ट की तैनाती की गयी। इस रिकेशनल थेरेपिस्ट की मरीजों के लिए बहुत आवश्यकता बतायी गयी। एक मात्र पद होने के कारण विभाग के डाक्टरों को उम्मीद थी कि रिकेशनल थेरेपिस्ट पद पर तैनाती के बाद मरीजों के इलाज में राहत मिलेगी। रिकेशनल थेरेपिस्ट पर तैनाती तो की गयी, लेकिन मूल पर आने बजाय कर्मचारी प्रशासनिक भवन में सीधे स्टेनों पद पर काम करने लगा।
प्रशासनिक भवन में चर्चा है कि बिना अनुभव या योग्यता के स्टेनों के पद पर तैनाती के बाद पहले से काम कर रही स्टेनों को दूसरे काम में लगा दिया गया। इसका कार्यालय में कर्मचारियों ने विरोध भी किया था ,लेकिन कोई सुनवाई भी नहीं हुई। उधर मानसिक विभाग भी पत्राचार कई बार करने के बाद भी मूल पद पर तैनाती न होने से अब चुप मार कर बैठ गया है।