लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने मेडिकोज की परीक्षा शुल्क घटा कर बाहर हजार कर दिया है। इस सम्बध में मेडिकोज के प्रतिनिधि मंडल से कुलपति प्रो. रविकांत ने वार्ता करने के बाद निर्णय लिया। इसके साथ आर्थिक रूप से कमजोर मेडिकोज को परीक्षा शुल्क माफ करने की कोशिश की जाएगी। पर परिसर में चर्चा है कि प्रतिनिधि मंडल इसके बाद भी मेडिकोज में आक्रोश व्याप्त है। वह रेप्सोडी का बहिष्कार करने की आशंका है।
केजीएमयू प्रशासन ने परीक्षा शुल्क सात हजार पांच रुपये से बढ़ाकर अचानक सोलह हजार किये जाने से मेडिकोज में लगातार विरोध कर रहे है। मेडिकोज के लगातार विरोध के बाद आज मेडिकोज के प्रतिनिधि मंडल ने कुलपति प्रो. रविकांत से वार्ता की। वार्ता में स्टूडेंट वेलफेयर के सभी पदाधिकारी भी मौजूद थे। मेडिकोज से वार्ता के बाद कुलपति पो.रविकांत ने परीक्षा शुल्क को घटाकर बारह हजार करने का निर्देश दिया है। यह भी कहा गया है कि आर्थिक स्थिति सही नहीं होने वाले मेडिकोजक की डीन की संस्तुति पर परीक्षा शुल्क कम हो सकता है।
आर्थिक रूप से सक्षम लोगों का परीक्षा शुल्क बारह हजार रुपये ही लिया जाएगा –
स्टूडेंट वेलफेयर के वाइस डीन डा. संदीप तिवारी बताते है कि केजीएमयू प्रशासन ने मेडिकोज के हित में ही समाज कल्याण विभाग भी आरक्षित श्रेणी में आने वाले मेडिकोज का परीक्षा शुल्क वापस कर देता है। इसके अलावा उन्होंने बताया कि आर्थिक रूप से सक्षम लोगों का परीक्षा शुल्क बारह हजार रुपये ही लिया जाएगा। वार्ता के बाद केजीएमयू के ज्यादातर मेडिकोज बारह हजार परीक्षा शुल्क किये जाने पर भी संस्तुष्ट नही है। अगर बढ़ा परीक्षा शुल्क का आदेश वापस नहीं लिया गया तो रेप्सोडी का बहिष्कार किया जा सकता है।
डा. संदीप का कहना है कि रेप्सोडी बहिष्कार करना उनका अपना मामला है। परीक्षा शुल्क का विरोध होता है तो केजीएमयू प्रशासन अब कड़ी कार्रवाई करेंगा।