22 जुलाई को पूरा हो रहा अनुबंध
लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने निजी संस्थाओं से महत्वपूर्ण कार्य लेना धीरे- धीरे बंद करना शुरू कर दिया है। इस क्रम में 30 वर्षो से चले आ रहे निजी मेडिकल स्टोर को बंद करने के निर्देश दिए हैं। केजीएमयू प्रशासन खुद की आय बढ़ाने के लिए परिसर में संचालित अपने मेडिकल स्टोर को विस्तार देना शुरू कर दिया है।
केजीएमयू परिसर में लगभग 30 वर्ष से एक निजी संस्था मेडिकल स्टोर संचालित कर रही है। शुरुआत में पांच साल के लिए टेंडर था, लेकिन बाद में संस्था का अनुबंध बढ़ाया जाने लगा। यहां सबसे ज्यादा ओपीडी से प्रतिदिन सात से आठ हजार मरीज आ रहे हैं।
इसमें से लगभग डेढ़ से दो हजार मरीज दवा खरीद रहे हैं। वहीं भर्ती मरीज भी बड़ी संख्या में दवाओं की खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। यहां से सर्जरी में प्रयोग होने वाले इम्प्लांट की बिक्री भी खूब हो रही है।
केजीएमयू प्रशासन ने मरीजों की सुविधा उपलब्ध कराने व आय बढ़ाने के लिए अपने यहां संचालित एचआरएफ के स्टोर को विस्तार देने का निर्णय लिया है। इसके तहत निजी मेडिकल स्टोर में मरीजों को करीब 26 प्रतिशत तक छूट दी जाती थी। एचआरएफ के स्टोर पर 60 से 70 प्रतिशत तक छूट प्रदान की जा रही है।
द्मद्मकेजीएमयू के सीएमएस डॉ. बीके ओझा ने 19 जुलाई को परिसर में संचालित अमा मेडिकल स्टोर को बंद करने के निर्देश जारी किए। इस संबंध में आदेश भी जारी किया। जिसमें कहा गया है कि 21 जुलाई 2022 को दो वर्ष के लिए स्टोर संचालन का अनुबंध बढ़ाया गया था, जो कि 22 जुलाई 2024 को पूरा हो रहा है।
ऐसे में 22 जुलाई की रात 12 से स्टोर बंद कर दिया जाए। इसके अलावा 48 घंटे के भीतर स्टोर खाली कर उसकी चाभी प्रशासन को उपलब्ध करायी जाए। केजीएमयू में एचआरएफ से मरीजों को और सस्ती व गुणवत्तापरक दवाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसका लाभ और अधिक मरीजों को मिलेगा।