लखनऊ – किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन (आरडीए) ने मरीजों की दिक्कत को देखते हुए गांधीगिरी शुरू कर दी है। उन्होंने पोस्टर लगाकर आम जनता से अपील की है कि इलाज के लिए सीरिंज, दस्ताने व अन्य मूलभूत सुविधाएं नहीं है। इसके कारण इलाज में अव्यवस्था बनी हुई है। इस पर मरीज व तीमारदार ड्यूटी पर तैनात रेजीडेंट डाक्टरों से उलझे नहीं। वह लोग सदैव बेहतर सेवा के लिए तत्पर है। रेजीडेंट डाक्टरों की यह अपील केजीएमयू के विभिन्न स्थानों पर चस्पा कर दी गयी है। आरडीए ने खुद चंदा लगाकर मरीजों के लिए सामान मंगाना शुरू कर दिया है। इसके साथ ही संस्थाओं से मदद की अपील भी की है।
बाहर से दवाएं व सामान न मंगाये –
इसके साथ ही रेजीडेंट डाक्टरों से यह भी अपील की है कि बाहर से दवाएं व सामान न मंगाये। जो दवाएं व संसाधन मौजूद है उन्हीं से इलाज कराये। उधर केजीएमयू के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डा. एस सी तिवारी का दावा है कि अधीक्षक कार्यालय ने सभी दवा व सर्जिकल सामान की उपलब्धता कर रखी है। बताया जाता है कि आर डीए कल केजीएमयू के ट्रामा सेंटर में उद्घाटन होने वाले आई बैक के मुख्य अतिथि राज्यपाल व कुलाधिपति रामनाईक को दवाओं व सर्जिकल सामान न होने का ज्ञापन भी देंगे। आरडीए ने रेजीडेंट डाक्टरों से यह भी अपील की है कि वह लोग बाहर की दवा मरीजों को नहीं लिखे।
समय पर इलाज न मिलने पर वह रेजीडेंट डाक्टरों पर गुस्सा उतारता है –
रेजीडेंट डाक्टर्स एसोसिएशन केजीएमयू के ट्रामा सेंटर व वार्डो में दवाओं की कमी व सर्जिक ल सामान की आपूर्ति न होने से गांधीगिरी शुरू कर दी है। उनका कहना है कि वह मरीजों के हित में कार्यबहिष्कार नहीं कर सकते है। ऐसे में मरीजों के हित में अपील कर सकते है। उनका कहना है कि मरीज जब इलाज कराने आता है तो वह तत्काल इलाज की उम्मीद रखता है। ऐसे में दवाओं की कमी से जब दवा की दुकान से लाना पड़ता है तो गुस्सा सांतवें आसमान पर होता है। समय पर इलाज न मिलने पर वह रेजीडेंट डाक्टरों पर गुस्सा उतारता है। जब कि संसाधनों की कमी से खुद रेजीडेंट व जूनियर डाक्टर परेशान है आैर केजीएमयू प्रशासन से आपूर्ति करने की अपील करते रहते है।। इसके अलावा सभी रेजीडेंटों से भी कहा गया है कि वह बाहर की दवा मरीजों को न लिखे।जो दवाएं मौजूद है उन्हीं से इलाज करें।