लखनऊ। व्यावसायिक परीक्षा मंडल ( व्यापमं) घोटाले से जुड़े मामले में 634 मेडिकल छात्रों का दाखिले रद्द करने का निर्णय सोमवार को उच्चतम न्यायालय ने सुनाया है। इस फैसले के बाद किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के लगभग बीस मेडिकोज सहित कानपुर मेडिकल कालेज के मेडिकोज पर कार्रवाई की आशंका प्रबल हो गयी है। इन सभी को एसटीएफ ने कई बार पूछताछ के लिए उठाया है। अब इन पर कार्रवाई होने की आशंका प्रबल हो गयी है।
सामूहिक नकल के दोषी छात्रों के दाखिले निरस्त कर दिये –
मुख्य न्यायाधीश जगदीश सिंह केहर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के फैसले को बरकार रखते हुए सामूहिक नकल के दोषी छात्रों के दाखिले निरस्त कर दिये। यह दाखिले वर्ष 2008 से 2012 तक मेडिक ल पाठ्क्रम में किये गये थे। सामूहिक नकल के दोषी 634मेडिकल छात्र है। इस फैसले के बाद किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के साथ ही कानपुर मेडिकल कालेज में व्यापमं घोटाले में आरोपी की कार्रवाई हो सकती है। केजीएमयू में लगभग बीस मेडिकोज मेडिकल अलग- अलग वर्ष में पढ़ रहे है। इन पर साल्वर बनने का आरोप लगाते हुए ज्यादातर को एसटीएफ ने रेकी करने के बाद उनको पकड़ा था आैर पूछताछ के लिए साथ भी ले गये थे।
कुछ मेडिकोज से केजीएमयू परिसर में ही पूछताछ करके कड़ी हिदायत देकर गये थे। केजीएमयू प्रशासन ने भी तत्काल कार्रवाई करते हुए आरोपी मेडिकोज से छात्रावास से निकाल दिया था। बताया जाता है कि आरोपी मेडिकोज को केजीएमयू ने नियमो के तहत की पढ़ाई करने की अनुमति दी थी। इस फैसले के बाद इन आरोपी मेडिकोज पर भी कड़ी कार्रवाई अब कभी भी हो सकती है। देर शाम को केजीएमयू प्राक्टर डा. आर ए एस कुशवाहा ने बताया कि व्यापमं घोटाले में लगभग बीस मेडिकोज आरोपी है। इनसे पूछताछ की जा चुकी है।