लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में मरीजों के इलाज की व्यवस्था को चाक चौंबद करने के साथ ही दलालों के हस्तक्षेप की शिकायतों के बाद केजीएमयू के जिम्मेदार अधिकारियों ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया। इसके तहत 19 वरिष्ठ डॉक्टरों की ड्यूटी ट्रामा सेंटर में लगा दी गयी है। डे ड¬ूटी के लिए अलग-अलग विभागों के वरिष्ठ डॉक्टरों की तैनाती कर दी गयी है। ड¬ूटी चार्ट के मुताबिक प्रत्येक डॉक्टर को दो दिन ट्रॉमा की व्यवस्थाएं देखने की जिम्मेदारी मिली हैं।
बताते चले कि इमरजेंसी ट्रॉमा में 400 बिस्तरों पर मरीजों को भर्ती किया जा रहा है। यहां पर मरीजों के लिए 100 से अधिक स्ट्रेचर हैं। बिस्तर फुल होने पर स्ट्रेचर पर मरीजों को भर्ती कर इलाज करा जाता है। बिस्तर होने पर अधिक होने से गंभीर मरीजों के इलाज का संकट खड़ा हो जाता है। ऐसे में निजी अस्पताल के दलाल मरीजों को गुमराह करके अपने अस्पताल ले जाते हैं। इसके अलावा डॉक्टर व गार्ड का खराब व्यवहार, ड्यूटी से गायब रहने या फिर जांच में लंबी वेटिंग की शिकायतें लगातार मिलती है।
कुलपति डॉ. बिपिन पुरी ने ट्रॉमा में व्यवस्था के लिए वरिष्ठ डॉक्टरों का प्रॉक्टोरियल बोर्ड बनाया, जो ट्रॉमा की व्यवस्थाओं को सहयोग करेगें। अपना फीडबैक देंगे। टीम में 15 डॉक्टरों को शामिल किया गया है। इसके अलावा चार अन्य डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। इसमें डॉ. नंदलाल, डॉ. सुजाता देव, डॉ. रीमा कुमारी और डॉ. एसएन सिंह शामिल हैं, जो इन सभी डॉक्टरों के कार्य व्यवस्था को देंगे। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य अपनी ड्यूटी के अनुसार ट्रॉमा का राउंड खासतौर पर शाम और देर रात को लेंगे। केजीएमयू प्रशासन ने डॉ. रश्मि कुशवाहा, डॉ. नरेंद्र सिंह कुशवाहा डॉ. राकेश, डॉ. कमलेश्वर सिंह, डॉ. जगदीश नारायण, डॉ. विजय कुमार शाक्य, डॉ. अंजनी कुमार पाठक, डॉ. कलीम अहमद, डॉ. दर्शन बजाज, डॉ. गणेश यादव, डॉ. शिऊली, डॉ. बालेंद्र प्रताप सिंह, डॉ. गरिमा, डॉ. विनय कुमार गुप्ता व डॉ. मयंक सिंह की तैनाती की है।
जारी हुई एसओपी के अनुसार
राउंड के समय इन बिन्दुओं पर देना होगा ध्यान
-सिक्योरिटी गार्ड ड्यूटी व्यवस्था
– जिम्मेदारी अधिकारियों ने राउंड लिया या नहीं
-पीआरओ व सोशल वर्कर का कार्यप्रणाली
-डैशबोर्ड अपडेट है या नहीं
– सफाई व्यवस्था
-सीटी स्कैन, अल्ट्रासाउंड, एक्सरे व जांच की व्यवस्था।