लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में चिकित्सक शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया आरक्षण की गड़बड़ी करने का आरोप में रूक सकती है। अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ ने चिकित्सा शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नजर अंदाज करने का आरोप है कि शासनादेश के अनुसार भर्ती प्रक्रिया का पालन नहीं किया जा रहा है। महासंघ की शिकायत के बाद राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने केजीएमयू कुलसचिव से जवाब तलब कर किया है। इसके तहत 31 अगस्त तक जवाब देना है।
केजीएमयू में 450 चिकित्सक शिक्षक हैं। यहां पर चिकित्सक शिक्षकों के 256 रिक्त पदों को भरने के लिए केजीएमयू प्रशासन ने पिछले महीने विज्ञापन जारी किया है। रिक्त पदों में नर्सिंग संकाय के भी पद जुड़े हैं। बड़ी संख्या में चिकित्सक शिक्षकों ने आवेदन शुरू कर दिए हैं।
अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ के अध्यक्ष रामचंद्र पटेल ने शिकायत की है कि इसमें आरक्षण व शासनदेश की अनदेखी का आरोप लगाया है। आरोप हैं एससी सदस्य की सहमति के बिना मनमाने तरीके से रिक्त पदों का विज्ञापन जारी किया गया। बैकलॉग और सामान्य भर्ती का विज्ञापन एक साथ निकाल दिया गया। नियम के अनुसार विज्ञापन अलग-अलग जारी निकाल जाते है।
ऐसे न होने से आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी कनिष्ठ हो जाएंगे,जब कि बैकलॉग भर्ती में शुल्क नहीं लिया जाता है। केजीएमयू की ओर से जारी विज्ञापन में अभ्यर्थियों से आवेदन शुल्क लिया जा रहा है। इसके अलावा पिछले विज्ञापन में खाली रह गए सामान्य और ईडब्ल्यूएस श्रेणी के पदों को शामिल किया गया है। नियमानुसार इसमें रोस्टर लगना था। पिछड़ा वर्ग आयोग ने शिकायत मिलने के बाद केजीएमयू से जवाब तलब किया है। तय समय पर जवाब न देने पर कार्रवाई भी चेतावनी दी गयी है। आयोग के सख्त रुख के बाद केजीएमयू में भर्ती प्रक्रिया लटकने के आसार बन गए हैं।