लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन ने इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में मरीजों को पहले से बेहतर इलाज देने के लिए कवायद शुरू कर दी है। इसके लिए केजीएमयू प्रशासन ने पुरानी टीम में जिम्मेदार अधिकारियों को हटाकर नयी टीम गठित कर दी है। इसके तहत मरीज के भर्ती होने पर शुरूआती 24 घंटे इलाज निशुल्क इलाज करने की कवायद भी तेज कर दी है।
केजीएमयू के इमरजेंसी ट्रॉमा सेंटर में 400 बिस्तर हैं। सभी बिस्तर फुल होने की स्थिति में भी 100 स्ट्रेचर पर मरीजों को भर्ती कर इलाज दिया जाता है। सबसे ज्यादा मरीजों को भर्ती करने का प्रेशर देर शाम से रात तक हो जाता है। दूर-दराज के निजी नर्सिंग होम जब मरीज की तबियत बिगड़ने लगती है ,तो ट्रॉमा सेंटर रेफर कर देते हैं। ऐसे गंभीर मरीजों की जिंदगी बचाना कठिन हो जाता है। इससे मरीज के तीमारदार हर हालत में भर्ती कराने के लिए एड़ी चोटी लगाने लगते है।
कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने बड़ा निर्णय लेते हुए 30 अगस्त को ट्रॉमा सेंटर के पुराने जिम्मेदार अधिकारियों को हटा दिया।
्ट्रॉ्मा सेंटर के सीएमएस डॉ. संदीप तिवारी पहले ही इस्तीफा दे चुके थे। इनके स्थान पर एनस्थीसिया विभाग के डॉ. प्रेमराज सिंह को सीएमएस जिम्मेदारी दी गयी है। अतिरिक्त सीएमएस न्यूरो सर्जरी विभाग के डॉ. सोमिल जायसवाल को बनाया गया। वहीं मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ. अमिया अग्रवाल को बनाया गया है, जबकि तीन डिप्टी एमएस को ट्रॉमा सेंटर की जिम्मेदारी दी गयी है। इसमें बाल रोग विभाग की डॉ. सारिका गुप्ता, आर्थोपैडिक विभाग के डॉ. अर्पित सिंह व ट्रॉमा सर्जरी विभाग के डॉ. वैभव जायसवाल शामिल हैं।