Kgmu Trauma centre  : घायलों की हालत देख डिप्टी सीएम बृजेश पाठक की आंखें भर आई

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-घायलों का मुफ्त इलाज के निर्देश दिए

 

 

 

लखनऊ।  प्रदेश के उप मुख्यमंत्री बृजेश पाठक लखीमपुर सड़क हादसे में घायलों की सेहत का हाल लेने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे। बुधवार रात करीब 10 बजे ट्रॉमा सेंटर उप मुख्यमंत्री पहुंचे। घायलों की सेहत का हाल लिया। डॉक्टरों को मुफ्त इलाज करने के निर्देश दिए।
समुचित इलाज मुहैया कराया जाए।

 

 

 

उप मुख्यमंत्री घायलों की हालत देख दुखी हो गए। आंखें डबडबा आईं। इलाज में जुटे डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ की हौसला अफजाई की। कहा घायलों की सेवा करें। समुचित इलाज मुहैया कराएं। ताकि घायलों के परिवार को बचाया जा सके। ट्रॉमा के अधिकारियों ने बताया कि ब्राड डेड लाए गए एक व्यक्ति की शिनाख्त नहीं हो पा रही है। इस पर उप मुख्यमंत्री ने कहा मृतक के परिवार की तलाश करें। इसमें पुलिस व जिला प्रशासन की टीम पूरी शिद्दत से लगी है। घायलों को समुचित इलाज मुहैया कराए। किसी भी तरह की चूक नहीं होनी चाहिए।

 

 

 

 

अधिकारियों ने बताया कि कुल 14 घायलों को लाया गया। जिसमें दो लोगों की रास्ते में मौत हो गई थी। जिन्हें यहां ब्राड डेड घोषित किया गया। दो घायल वेंटिलेटर पर हैं। छह घायल की हालत गंभीर बनी हुई है। बाकी चार घायलों की तबीयत खतरे से बाहर है। मथुरा, शानू, रुबैई, अभि, मंशू निगम, जसप्रीत सिंह, ब्रजलाल, अरमान, पूजा वर्मा व नशमुन को गंभीर अवस्था में इलाज चल रहा है। जिन मरीजों की तबीयत कुछ ठीक थी उप मुख्यमंत्री ने उनसे भेंट की। सेहत का हाल लिया। पूरी मदद का भरोसा दिलाया।

 

 

 

 

हादसे रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाएं
उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि सड़क हादसे लगातार बढ़ रहे हैं। इसकी वजह यातायात नियमों की अनदेखी है। हादसों को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है। इस संबंध में सभी पुलिस अधिकारियों और जिला प्रशासन को निर्देशित किया गया है। उप मुख्यमंत्री ने कहाकि यातायात नियमों का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। तेज रफ्तार में वाहन चलाने वालों से कड़ाई से निपटें।
जागरुकता फैलाएं
हादसों पर लगाम कसने के लिए जागरुकता अभियान चलाएं। शहर से लेकर गांव तक अभियान की चलाने की जरूरत है। युवाओं को भी जागरुक किया जाएगा। रोडवेज बस ड्राईवर, टैम्पो, ट्रैक्चर चालकों को भी जागरुक करें। क्योंकि जरा सी चूक से किसी का परिवार तबाह हो सकता है। परिवार के सदस्य अनाथ हो सकते हैं।

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