लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के ट्रामा सेंटर में लगभग बीस यूनिट ब्लड एक्सपार्यड हो गया है। इसे अब नालियों में बहा दिया जाएगा। डाक्टरों की उदासीनता से ट्रामा सेन्टर के सेटे लाइट ब्लड यूनिट में 20 यूनिट ब्लड एक्सपायर्ड हो गया है। इसमें आरबीसी व प्लाज्मा शामिल है। यह ब्लड तीमारदारों द्वारा गंभीर मरीजों को चढ़ाने के लिए मंगाया जाता है, जो कि समय पर प्रयोग न होने पर एक्सपार्यड हो जाता है।
ट्रामा सेंटर में 20 यूनिट ब्लड एक्सपार्यड में कई ब्लड ग्रुप ऐसे में भी थे,जिनके लिए ब्लड बैंक में वेंटिग लगी रहती है आैर मुश्किल से ब्लड मिलता है। अगर यह सही समय पर प्रयोग किया गया होता कई गंभीर मरीजों की जान बचाने के काम आ सकता था। केजीएमयू ट्रांस यूजन मेडिसिन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. तूलिका चन्द्रा ने भी मानती है कि अगर समय पर ब्लड प्रयोग न किया जाए, तो निर्धारित समय के बाद ब्लड एक्सपार्यड हो जाता है। तीमारदार ट्रामा सेन्टर के डाक्टरों के निर्देश पर ही बैंक से ब्लड ले जाते हैं, जो ट्रामा की सेटलाइट ब्लड यूनिट में रखा जाता है।
कई बार तीमारदार एक से अधिक यूनिट ब्लड ले जाते हैं और मरीज की स्थिति के अनुसार कम यूनिट ही चढ़ता है। अगर इलाज के दौरान मरीज की मौत हो जाती है तो रखा हुआ शेष ब्लड स्टोरेज यूनिट में ही बचा रहता है। प्रो. चन्द्रा का कहना है कि यह संस्थान का नियम है कि यदि कोई यूनिट ब्लड किसी तीमारदार के नाम से निर्गत हो जाए तो वह किसी अन्य मरीज को नहीं चढ़ाया जा सकता।
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