लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द ही हास्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) के मेडिकल स्टोर में विभिन्न प्रकार के इंप्लांट भी मरीजों को दिये जाने का दावा किया है। लम्बी चली कवायद के बाद एचआरएफ की टेंडर नोटिस जारी कर दी है। इसके तहत इंप्लांट सहित लगभग आठ हजार मेडिसिन व सर्जिकल संसाधन शामिल किया जा रहा हैं।
अभी तक विश्वविद्यालय के सोसायटी के दवाखाने चल रहे थे। इसके साथ ही अमृत एवं एक निजी स्टोर भी परिसर में स्थित है। लगभग एक वर्ष भर से सोसायटी के दवा खानों को बंद करके एचआरएफ के मेडिकल स्टोर चलाए जा रहे हैं। इंप्लांट को लेकर आए दिन दिक्कत होती रहती है। सीएम, पीएम कोष से इलाज कराने वाले मरीज, आयुष्मान मरीज, असाध्य व विपन्न मरीजों को इंम्लांट न लाने के कारण दिक्कतें होती है। ऐसी स्थिति में उन्हेँ इंप्लांट के लिए अधिक रुपयों को खर्च करना पड़ता है।
केजीएमयू में इंप्लांट के बारे में संबंधित विभागों के डाक्टर मनमाफिक कंपनी के इंप्लांट की डिमांड करते हैं। ऐसे में आयुष्मान, सीएम, पीएम बजट से इलाज कराने वाले मरीजों को समय से इंप्लांट नहीं मिल पाता है। ऐसे में विभिन्न कंपनियों ने केजीएमयू को इंप्लाटं देने से इनकार कर दिया था। वेंडरों का तर्क था कि उन्हें एक निजी मेडिकल स्टोर के जरिए भुगतान किया जाता है। मेडिकल स्टोर संचालक उनका करीब 50 से 60 लाख रुपये का भुगतान रोकेहुए है
केजीएमयू एचआरएफ प्रभारी डा. अजय सिंह ने बताया कि इंप्लांट की समस्या हल करने के लिए इसे एचआरएफ में शामिल कर लिया गया है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद मरीजों को एचआरएफ के स्टोर से इंप्लांट मिल सकेंगे। इससे मरीजों को काफी फायदा होगा।
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