लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डाक्टरों ने शनिवार को 12 वां लाइव डोनर लिवर सफलता पूर्वक प्रत्यारोपित कर लिया। मरीज को लिवर की गंभीर बीमारी से पीड़ित चल रहा था। मरीज को उसकी पत्नी ने लिवर दान दिया है। मरीज की आर्थिक स्थिति सही न होने पर केजीएमयू ने सीएम फंड के माध्यम से रोगी के लिए वित्तीय सहायता जुटायी आैर मरीज को लिवर प्रत्यारोपण कर जीवन दान दे दिया। लिवर प्रत्यारोपण में खास बात यह है कि पहले डोनर और मरीज 3-डी मॉडल पर महत्वपूर्ण सर्जिकल चरणों का पूर्वाभ्यास किया गया। प्रत्यारोपण में विशेष 3-डी प्रिंटिंग तकनीक का भी प्रयोग किया जा रहा है। इस तकनीक से प्रत्यारोपण बेहद सटीक होता है।
केजीएमयू के प्रवक्ता डा. सुधीर ने बताया कि खदरा निवासी पुरुष (44) को पीलिया हो गया। उसने स्थानीय डॉक्टरों से इलाज कराना शुरू किया, लेकिन मरीज की तबियत में कोई सुधार नहीं हुआ। मरीज को पेट में ब्लीडिग होने के बाद के साथ जांच में लिवर सिरोसिस मिला। तेजी से तबियत बिगड़ने अवस्था में परिजन मरीज को लेकर केजीएमयू पहुंचे। यहां गैस्ट्रोसर्जरी विभाग के डाक्टरों ने कई जांच करायी तो पता चला कि लिवर प्रत्यारोपण ही अंतिम उपाय है। प्रत्यारोपण करने से दवा शुरू करने के साथ ही पहले कोरोना वैक्सीन लगवाने के निर्देश दिये। दो महीने पहले मरीज व संभावित डोनर पत्नी व भाई ने वैक्सीन की दोनों डोज लगवा ली। जांच में
मरीज के भाई और पत्नी ने लिवर मैच कर गया था आैर दोनों लिवर दान करने को तैयार थे। लेकिन अंत में पत्नी ने अपने लिवर का आधा भाग डोनेट कर दिया। मरीज निजी फर्म में टाइपिस्ट के पद पर तैनात हैं। मरीज के आर्थिक संकट को देखते हुए केजीएमयू ने सीएम फंड के माध्यम से रोगी के लिए वित्तीय सहायता ली। इसके साथ ही अवध इंटरनेशनल फाउंडेशन के अध्यक्ष अतुल शर्मा ने भी वित्तीय सहायता प्रदान की। गेस्ट्रो सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिजीत चन्द्रा का दावा है कि लिवर प्रत्यारोपरण के बाद मरीज और डोनर पत्नी दोनों की हालत फिलहाल स्थिर है आैर वर्तमान में मरीज व डोनर आईसीयू में भर्ती हैं। लिवर प्रत्यारोपण में केजीएमयू के 100 से अधिक डॉक्टरों और स्वास्थ कर्मियों की एक टीम लगी थी। खास बात यह है कि प्रत्यारोपण से पहले डोनर और मरीज 3-डी मॉडल पर महत्वपूर्ण सर्जिकल चरणों का पूर्वाभ्यास किया गया। प्रत्यारोपण में विशेष 3-डी प्रिंटिंग तकनीक का भी उपयोग कर रहा है।
केजीएमयू प्रवक्ता डा. सुधीर ने बताया कि केजीएमयू में अब तक 12 लिवर प्रत्यारोपण हुए हैं। इनमें 90 प्रतिशत प्रत्यारोपण सफल रहे। केजीएमयू बहु-अंग दान करने वाला प्रदेश का एकमात्र संस्थान है। यहां से दिल्ली एम्स, एआरएमवाई आर एंड आर अस्पताल नई दिल्ली, पीजीआई समेत अन्य संस्थानों के साथ केजीएमयू के सहयोग से 50 से अधिक अंगों को जरूरतमंद मरीजों में प्रत्यारोपित किया गया है। प्रत्यारोपण करने वाली टीम का नेतृत्व गैस्ट्रोसर्जरी विभाग प्रमुख डॉ. अभिजीत चंद्रा ने किया। उनके साथ डॉ. विवेक गुप्ता व डॉ. संदीप कुमार वर्मा प्रमुख रुप से शामिल रहे। वही गैस्ट्रोमेडिसिन विभाग प्रमुख डॉ. सुमित रूंगटा, एनेस्थीसिया विभाग प्रमुख डॉ. जीपी सिंह, डॉ. मोहम्मद परवेज, डॉ. तन्मय तिवारी व डॉ. रति प्रभा भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे।