लखनऊ। बदलती जीवनशैली व खान-पान से कार्डियक दिक्कतें तेजी से बढ़ रही है। अगर आंकड़ों को देखा जाए तो कैंसर से ज्यादा कार्डियक दिक्कत के कारण मरीजों की मौत हो रही है। मौत के इन आंकड़ों में आसानी से कमी जीवनशैली व डाइट में बदलाव लाकर कार्डियक बीमारियों से बच सकते हैं। यह जानकारी कॉर्डियोलॉजिस्ट पद्मश्री डॉ. प्रवीण चन्द्रा ने दी।
वह बुधवार को केजीएमयू के ब्रााउन हॉल में डॉ. एनएन गुप्ता व डॉ. सीजी अग्रवाल व्याख्यान को संबोधित कर रहे थे। डॉ. चन्द्रा ने कहा कि कार्डियक मरीजों का क्लीनिकल अपडेट होने से आसान हो गया है। हार्ट का वॉल्व बदलने के लिए सीना में लम्बा चीरा लगाने की जरूरत नहीं है। मात्र एक तार की मदद से वॉल्व में बदला जा सकता है।
मेडिसिन विभाग के डॉ. केके सावलानी ने कहा कि हार्ट की बीमारी से बचने के लिए खान-पान पर कंट्रोल आवश्यक है। नियमित दिन चर्या में कम से कम नमक का सेवन करें। चीनी का इस्तेमाल भी कम करना चाहिए। ताकि शुगर पर नियंत्रण रखा जा सके। धूम्रपान व शराब का सेवन नुकसानदेह है। फास्ट फूड के सेवन नहीं करे, क्योंकि इसमें कैलोरी तथा वसा भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो कि वजन को तेजी से बढ़ता है। इससे हार्ट की बीमारी पनपती है।
केजीएमयू कुलपति डॉ. एमएलबी भट्ट ने कहा कि डॉ. प्रवीण ने केजीएमयू में चिकित्सा शिक्षा ग्रहण की। देश दुनिया में जार्जियन्स डॉ. प्रवीण ने ख्यापि प्राप्त की है। इससे केजीएमयू का गर्व बढ़ता रहा है। उन्होंने कहा कि जीवनशैली में सुधार लाकर 40 प्रतिशत तक बीमारियों से बच सकते हैं। मोटापे से बचना चाहिए। यह दिल, ब्लड प्रेशर, शुगर, हड्डी समेत दूसरी बीमारियों का अहम कारण हो सकता है।
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