लखनऊ । एक महीने से मांगलिक कार्य बंद चल रहे है, जो अभी लगातार बंद ही रहेंगे। फिलहाल कल यानी रविवार से पुनः खरमास लग रहा है। ज्योतिषाचार्य समीर झा ने बताया कि 14 मार्च कोे सांयकाल 6ः18 से सूर्य देव, गुरू बृहस्पति की मीन राशि में प्रवेश करेंगे, इसके बाद खरमास प्रारम्भ हो जाएगा। खरमास में भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व होता है। भगवान विष्णु की पूजा से सभी तरह की मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। इन दिनों में सूर्य उपासना के साथ दान, धर्म और उपासना का विशेष महत्व है।
उनका कहना है कि गणना के अनुसार 14 अप्रैल तक सूर्य मीन राशि में रहेगें। इस बीच सगाई, विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश आदि मांगलिक कार्य नहीं होते है। विवाह मुहूर्त में गुरु, शुक्र अस्त का भी विचार किया जाता है। दोनों ग्रहों का शुभ विवाह के लिए उदय होना शास्त्र सम्मत है। ़उन्होंने बताया कि 14 अप्रैल बुधवार को प्रातः काल से ही सूर्य के मेष राशि पर आने के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा। फिर भी अन्य सभी शुभ कार्य किए जा सकेंगे लेकिन वैवांिहक कार्यक्रम नहीं होगे। विवाह के लिए शुक्र और गुरु दोनों का उदित रहना आवश्यक होता है। विवाहिक कार्यक्रम 22 अप्रैल से ही शुरु होंगे।