लखनऊ । किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के न्यूरोलॉजी विभाग के डॉ. हरदीप सिंह ने बताया जिन बच्चों में खसरे की बीमारी ठीक होने के बाद भी उसका वायरस अगर छूट गया, तो गंभीर बीमारी बन सकती है। यह वायरस कुछ साल बाद बीमारी बनकर उभरता है। वह रविवार को केजीएमयू के साइंटिफिक कंवेशन सेंटर में आयोजित एनुअल कांफ्रेंस ऑफ ट्रॉपिकल न्यूरोलॉजी-2018 (ट्रॉपिकॉन-2018) में सम्बोधित कर रहे थे। कार्यशाला में अन्य विशेषज्ञों ने भी विभिन्न प्रकार की बीमारियों पर जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि इस खसरा बीमारी ठीक होने के बाद वायरस शरीर में रहने पर दिमागी कमजोरी, मिर्गी के दौरे पड़ना, हाथ में कपन्न होना समेत चार बीमारियां हो सकती है। ऐसे में इन बीमारियों का इलाज मुश्किल हो जाता है। ऐसे में खसरे की बीमारी ठीक होने बाद भी जांच कराए, जांच में यह स्पष्ट करें कि वायरस का अंश बचा तो नहीं है। उन्होंने कहा कि 12 से 14 प्रतिशत मरीजों में ऐसे मामले सामने आए हैं।
पीजीआई के विशेषज्ञ डॉ. अचल श्रीवास्तव ने बताया कि अगर आप रोड पर चलते वक्त किसी व्यक्ति को शराबी स्टाइल में लड़खड़ाते हुए देखे तो वह नशे में नही हो सकता है। यह स्पाइनो सेलीब्रार डी जेनरेशन जेनेटिक बीमारी हो सकती है। इसमें मरीज चलते वक्त अपना संतुलन नहीं बना पाता है। कई दफा चलते वक्त गिर भी जाता है। अमूमन यह बीमारी 30 की उम्र के बाद लोगों में होती है। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि यह जेनेटिक बीमारी कुछ मरीजों में यह पंद्रह वर्ष की आयु से भी शुरू होती है। इस उम्र में होने वाली बीमारी से मरीज की जान बचाना मुश्किल होता हैै।
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