लखनऊ। किडनी निकालने के लगे आरोप की स्वास्थ्य विभाग ने गहन जांच शुरू कर दी है। पीड़ित परिवार से पूछताछ में डॉ राम मनोहर लोहिया संस्थान लंबे अरसे से चल रही मरीजों की दलाली का खुलासा भी एक बार फिर सामने आया है। इससे पहले भी लोहिया संस्थान कई बार रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों पर मरीजों की दलाली का आरोप लग चुका है, लेकिन लोहिया संस्थान कोई ठोस कदम नहीं उठा पा रहा है। आरोप हैं कि पहले मरीज को लोहिया संस्थान में भर्ती कराने ले गये थे। यहां पर इमरजेंसी में देर से हो रही सुनवाई के दौरान बेहतर इलाज का दावा करते हुए दलाल मरीज को निजी अस्पताल लेकर चल गए थे।
जानकारी के लिए बता दें गोमतीनगर हुसड़िया निवासी शाहबुद्दीन की गर्भवती पत्नी शबनम (25) एक्सीडेंट में घायल हो गई थी। उसके बाद गर्भस्थ का मूवमेंट नहीं था । पेट में दर्द लगातार हो रहा था। परिजन मरीज को लेकर लोहिया संस्थान की इमरजेंसी में पहुंचे थे। यहां मरीज की भर्ती की धीमी प्रक्रिया चल रही थी। इसी दौरान दलाल ने तीमारदार को बेहतर व सस्ते इलाज का झांसा दिया था। दलाल ने केस को देखते हुए 25 हजार में पूरे इलाज की दावा किया था।
निजी अस्पताल पर परिजनों का आरोप है कि इलाज के नाम पर सवा लाख रुपये वसूले गए थे। वही सिजेरियन से प्रसव कराया था। प्रसव के बाद पेट में दर्द होने पर दोबारा अल्ट्रासाउंड जांच कराया। जिसमें एक किडनी होने की पुष्टि हुई थी। परिजनों ने सर्जरी करने वाले निजी अस्पताल पर किडनी निकालने का आरोप लगाया है। इस मामले की सीएमओ जांच करा रहे हैं।
पीड़िता का पति मंगलवार को गोमतीनगर थाने पहुंचे। पुलिस ने पीड़िता के परिजन का पक्ष सुनते हुए प्रकरण की जांच की बात कही है। पति शाहाबुद्दीन का कहना है कि मरीज की जिंदगी संकट में डालने वालों पर कठोर कार्रवाई की जाए।