न्यूज । केद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि हाल ही में एमपॉक्स संक्रमण वाले देश की यात्रा करने वाले एक व्यक्ति के इस रोग से ग्रस्त होने की पुष्टि हुई है। मंत्रालय ने साथ ही इस बात पर जोर दिया कि यह एक ”अलग मामला”” है आैर इससे लोगों को तत्काल कोई खतरा नहीं है।
अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि हरियाणा के हिसार निवासी 26 वर्षीय मरीज को शनिवार को दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में भर्ती कराया गया था आैर उसकी हालत स्थिर है।
मंत्रालय ने कहा कि इससे पहले एमपॉक्स के पूर्ववर्ती संदिग्ध मामले की पुष्टि यात्रा से संबंधित संक्रमण के रूप में हुई है। उसने बताया कि प्रयोगशाला जांच में रोगी में पश्चिम अफ्रीकी क्लेड-2 के एमपॉक्स वायरस की मौजूदगी की पुष्टि हुई है।
मंत्रालय ने कहा कि यह एक अलग मामला है, जो जुलाई 2022 से भारत में पहले दर्ज किए गए 30 मामलों की तरह है।
मंत्रालय ने रेखांकित किया कि यह डब्ल्यूएचओ द्वारा रिपोर्ट की गई वर्तमान सार्वजनिक स्वास्थ्य आपात स्थिति का हिस्सा नहीं है, जो एमपॉक्स के क्लेड 1 के बारे में है।
मंत्रालय ने कहा, ”यह व्यक्ति, एक युवा है जो हाल ही में एमपॉक्स संक्रमण से प्रभावित देश से यात्रा करके आया है, उसे वर्तमान में एक निर्दिष्ट तृतीयक देखभाल पृथकवास इकाई में रखा गया है। रोगी की हालत चिकित्सकीय रूप से स्थिर है आैर उसमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं हैं आैर ना ही वह किसी अन्य बीमारी से पीड़ित है।
मंत्रालय ने कहा कि यह मामला पहले के जोखिम आकलन के अनुरूप है आैर स्थापित प्रोटोकॉल के अनुसार इसका प्रबंधन जारी है। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि स्थिति को नियंत्रित करने के लिए उक्त संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आये व्यक्तियों का पता लगाने आैर निगरानी सहित सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय सक्रिय रूप से लागू हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “इस समय जनता के लिए किसी व्यापक जोखिम का कोई संकेत नहीं है।”
‘एक्स” पर एक पोस्ट में मंत्रालय ने कहा कि मरीज की हालत स्थिर है आैर जनता के लिए तत्काल कोई खतरा नहीं है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने पिछले महीने अफ्रीका के कई हिस्सों में एमपॉक्स के प्रसार आैर व्यापकता को देखते हुए दूसरी बार एमपॉक्स को अंतरराष्ट्रीय चिंता का सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल (पीएचईआईसी) घोषित किया था।
एलएनजेपी अस्पताल में मरीजों के लिए कुल 20 पृथकवास कक्ष हैं, जिनमें से 10 पुष्ट मामलों के लिए हैं।
गुरु तेग बहादुर (जीटीबी) अस्पताल आैर बाबा साहेब आंबेडकर में ऐसे मरीजों के लिए 10-10 कमरे होंगे, जिनमें से प्रत्येक में संदिग्ध मामलों के लिए पांच कमरे होंगे।