लखनऊ। कोलकोता में रेजीडेंट डाक्टर की हत्या व रेप के विरोध में रेजीडेंट डाक्टरों का आक्रोश पांचवें दिन आैर ज्यादा बढ़ गया। रेजीडेंट डाक्टर्स अब कालेज परिसर से निकल कर सड़कों व चौराहें पर प्रदर्शन कर रहे है। रेजीडेंट डाक्टरों के समर्थन में फैकल्टी डाक्टर्स भी प्रदर्शन में भाग लेने लगे है। शुक्रवार को पीजीआई की फैकल्टी फोरम ने आईएमए के समर्थन में शनिवार सुबह छह बजे से 24 घंटे की हड़ताल में शामिल होने की घोषणा कर दी है। इससे पीजीआई में पूरी तरह से इलाज प्रभावित होगा।
शुक्रवार पीजीआई, केजीएमयू, लोहिया संस्थान व कैंसर संस्थान में लगभग 159 सर्जरी नहीं हो पायी। जब कि तीनों चिकित्सा संस्थानों में ओपीडी ठप रहने से लगभग पांच हजार सात सौ मरीज को बैंरग लौटा दिया गया। ओपीडी में पुराने पर्चो के मरीजों को ही फैकल्टी डाक्टरों ने परामर्श दिया गया। शाम को केजीएमयू, लोहिया संस्थान, कैंसर संस्थान सहित अन्य संगठनों ने 1090 पर एकत्र हो कर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन को लेकर 1090 जबरदस्त पुलिस बल तैनात रहा।
केजीएमयू में सुबह से ही रेजीडेंट डाक्टर प्रशासनिक भवन के सामने एकत्र हो कर नारे बाजी व प्रदर्शन कर रहे थे।
ओपीडी में नये पर्चे नहीं बन रहे थे। दस बजे सभी वरिष्ठ डाक्टरों ने ओपीडी छोड़ दी। सभी डाक्टर्स प्रशासनिक भवन से निकले जुलूस में कोलकाता घटना का विरोध करते हुए केजीएमयू टीचर्स एसोशियन के अध्यक्ष डा. के के सिंह के नेतृत्व में निकाले जा रहे जुलूस में शामिल हो गये। रेजीडेंट डाक्टर्स के साथ फैकल्टी डाक्टर्स ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन कि या। ओपीडी ही नही इमरजेंसी को छोड़ कर मरीजों की सर्जरी भी टल गयी। लगभग चालीस से ज्यादा बड़ी सर्जरी नहीं हो पायी। ओपीडी से 1500 मरीज बिना इलाज के लौट गये।
पीजीआई में सुबह से ओपीडी पूरी तरह से बंद रही। प्रतिदिन होने वाले लगभग एक हजार पंजीकरण नही हो पाये। पुराने पर्चो के मरीजों को ही विभागों में देखा गया। इसके अलावा मरीजों की जांच भी नही हो पायी। रेजीडेंटर डाक्टरों ने प्रदर्शन किया। यहां पर नर्सिंग विभाग ने भी समर्थन देते हुए धरना प्रदर्शन किया। यहां पर चल रही हड़ताल के कारण वार्डो में भर्ती मरीजों को अब डिस्चार्ज किया जा रहा है। फैकल्टी के डाक्टर भी आईएमए के आवाह्न पर शनिवार सुबह से 24 घंटे हड़ताल पर रहेंगे। फैकल्टी फोरम के अध्यक्ष अमिताभ ने बताया कि हड़ताल के दौरान ओपीडी पूरी तरह से बंद रहेगी आैर वैकल्पिक सर्जरी भी नहीं होगी। लोहिया संस्थान में रेजीडेंट डाक्टर ओपीडी का बहिष्कार कर धरना प्रदर्शन कर रहे है। ओपीडी में कम मरीज देखे जा रहे है। लोहिया संस्थान के प्रवक्ता डा. भुवन तिवारी ने बताया कि शुक्रवार को तीन हजार पांच सौ मरीज ओपीडी में देखे गये। जब कि इमरजेंसी में 347 मरीज भर्ती किये गये। इसके अलावा 45 मरीजों की सर्जरी की गयी। उन्होंने बताया कि फैकल्टी के डाक्टर्स कोलकाता की घटना के विरोध में है। लेकिन मरीजों का इलाज कम से कम प्रभावित हो। इसकी कोशिश की जा रही है। कैंसर संस्थान में भी ओपीडी में नये पर्चे नहीं बने आैर लगभग छह सर्जरी बड़ी मुश्किल से हो पायी।