Omg: कोमा में थी महिला ,डॉक्टरों ने यह कर दिया

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लखनऊ. किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के सहयोगी क्वीनमेरी अस्पताल में महिला डॉक्टरों  की कड़ी मेहनत तब रंग ले रंग लायी, जब  तीन माह सें कोमा में चल रही महिला की जिंदगी बचा ली है और बताया जाता है इस महिला के इलाज में डॉक्टरों ने दवाओं से लेकर अन्ट्य खर्चों मे भी खुद मदद की है. डॉक्टरों के अनुसार महिला को जब क्वीनमेरी अस्पताल लाया गया था,तो उसके गर्भस्थ शिशु की मौत हो चुकी थी।

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डॉक्टरों की टीम में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर रेखा सचान डॉक्टर मंजू लता भी शामिल थी . लखीमपुर निवासी मालती २८ संस्थान के डॉक्टरों ने कोमा में होने के साथ गर्भस्थ होने के कारण रेफर कर दिाया थ. परिजन जब उसे क्वीनमेरी अस्पताल लाया गया था,तो वह कोमा में थी, इस दौरान उसके आठ माह के गर्भस्थ शिशु की मौत भी हो गयी थी। यह कंडीशन क्वीन मैरी के डॉक्टरों के लिए बड़ी चुनौती थी को मामा महिला के गर्भस्थ शिशु की मौत हो जाने के बाद उसे जल्द से जल्द बाहर निकाल कर के उसकी शरीर में होने वाली अन्य दिक्कतों को कम करना था . इस महिला का स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ.रेखा सचान तथा डॉ.मंजू लता ने मिलकर इलाज किया।

जिससे मरीज की जान बच सकी। चिकित्सकों की माने तो मालती को हृदय की गम्भीर बीमारी के साथ हाईबीपी की भी बहुत बड़ी समस्या थी। इसी के कारण मरीज के दिमाग में खून जमा हो गया था और वह कोमा में चली गयी थी। डॉक्टरों का मानना है गर्भधारण करने से पहले ब्लड प्रेशर की समस्या का इलाज और गर्भधारण करने के बाद इस समस्या का निराकरण के लिए लगातार डॉक्टर के संपर्क में रह गया होता तो यह दिक्कत होने की संभावना बहुत कम थी .मरीज के इलाज में स्त्री रोग विशेषज्ञ के अलावा न्यूरो तथा हृदय रोग विशेषज्ञ ने भी सहयोग दिया था।

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