क्या घाव के पुराने से पुराने निशान मिट सकते हैं ?

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Photo Source : i.ytimg.com

अगर आप चाहते है, की आपके शरीर पर घाव का कोई निशान न पड़े, तो शायद यह नामुमकिन सा है. क्योंकि इसके लिए आपको कोई मोटरसाइकल आदि पर सवारी करने से बाज आना पड़ेगा, दाढ़ी बनाना छोड़ना पड़ेगा. किचन के कामों, जैसे साग सब्जी वगैरह काटने से दूर रहना होगा. यहाँ तक की आपको बिस्तर पर लेटे रहना होगा, जो की संभव नहीं है.

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सच यही है की चोट-घाव, जिंदगी की कड़वी सच्चाई है, आप बदल नहीं सकते. हाँ, इन सबसे निपटने के लिए जिन्हें पहले ज़माने के बनिस्बत आज बेहतर मेडिकल इलाज व सुविधाएँ जरूर उपलब्ध हैं. बावजूद इसके थोडा समझदारी से काम लेने की जरूरत है. यह कोई जरूरी नहीं की विटामिन ई युक्त कैप्सूल या क्रीम घाव को ठीक कर दे, उल्टा घाव की स्थिति बदतर हो सकती है.

यह तथ्य उजागर हुआ है यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी के एक ताज़ा अध्ययन से. जबकि लम्बे समय से यह दावा किया जा रहा था की विटामिन ई में हीलिंग पॉवर है. बहरहाल जब अध्ययन में शामिल मरीजों के शरीर पर कटने से बने ताज़ा घाव के एक सिरे पर विटामिन ई युक्त मरहम लगाया और दुसरे सिरे पर प्लेसबो, तो ई वाला सिरा बदतर स्थिति में पहुँच गया और घाव का निशान उभर कर दिखाई देने लगा.

लिहाजा घाव का निशान मिटाने या निशान के दिखने में कमी लाने वाली करिश्माई क्रीमों पर आँख मूँद कर विश्वाश न करें. यह सलाह है न्यू हैवेन, कनेक्टिकट स्थित येल स्कूल ऑफ मेडिसिन के डर्मेटोलॉजी एंड सर्जरी के प्रोफ़ेसर डेविड लाफ्फेल, एम् डी की. उनके मुताबिक इस तरह के प्रोडक्ट्स के बारे में आज तक ऐसा सबूत नहीं मिला है की ये उत्पाद असरदार है.

हमारा शरीर घाव को ठीक करने के लिए पहले से प्रोग्राम्ड होता है –

इतना जानने के बाद अब ऐसे इलाज / उपाय के बारे में कुछ सुनने की हिम्मत नहीं है, तो थोडा सब्र से काम लीजिये. हम आपको खुशखबरी देने जा रहे हैं. इसके पहले घाव के निशान पड़ने व उसके ठीक होने के बारे में जान लें. मसलन आपके माता पिता में से किसी को भी निशान आसानी से पड़ जाते हैं तो आप में निशान पड़ने की प्रवत्ति रहने के चांस ज्यादा होंगे. इसके अलावा शरीर के किसी हिस्से पर चोट लग गयी है या घाव हो गया है तो उसे ठीक करना आपके बस में नहीं है.

दरअसल हमारा शरीर घाव को ठीक करने के लिए पहले से प्रोग्राम्ड होता है. कटने छिलने के बाद शरीर में कोलाजन नामक प्रोटीन की निर्माण प्रक्रिया शुरू हो जाती है और चोट ग्रस्त स्थान पर कोलाजन पहुँच कर क्षतिग्रस्त टिसुओ की जगह नयी त्वचा का निर्माण करता है. लेकिन टेंशन और मूवमेंट के कारण मरम्मत की प्रक्रिया बुरी तरह प्रभावित हो सकती है. नतीजतन कोलाजन एक जगह इकठ्ठा होकर उभर आता है और घाव का निशान ज्यादा गहरा नजर आने लगता है.

इस तरह के गहरे व साफ़ साफ़ नज़र आने वाले निशानों को कैसे दूर करें ? इसके बारे में हम त्वचा रोग विशेषज्ञों की बहुमूल्य सलाहें आपको बता रहे हैं, जिन पर अमल कर आप न सिर्फ कील मुहांसों के निशानों को मिटा सकते हैं, बल्कि शेविंग के दौरान हुए घाव यहाँ तक की सिजेरियन ऑपरेशन के निशान को भी हल्का किया जा सकता है।

मरहम का इस्तेमाल करें और घाव को ढकें –

घाव या चीरा चाहे जैसा भी हो, उसे चिपचिपा व नम रहने दें. इस बारे में यूनिवर्सिटी ऑफ मियामी के कॉस्मेटिक डर्मेटोलॉजी के डायरेक्टर लेसिले बौमन एम् डी का कहना है, की घाव पर बनी पपड़ी घाव को ठीक करने में देर करती है, क्योंकि यह घाव की मरमत करने वाली त्वचा कोशिकाओं को घाव तक पहुचने में रुकावट डालती है. उनके मुताबिक घाव वाले स्थान को सबसे पहले ठंढे पानी व साबुन से अच्छी तरह साफ़ कर, वहां पेट्रोलियम जेली या कोई एन्टीबैक्टिरीअल क्रीम लगाना चाहिए, ताकि कीटाणु दूर रहे और नमी बनी रहे. इस तरह कोशिकाओं को फैलने और घाव को ठीक होने में मदद मिलती है. इतना सब करने के बाद हल्का सा दबाव देकर बैंडेज बांधे. मुहांसों के लिए भी यही प्रक्रिया अपनाएं. लेकिन बाहर धूप में निकलने से पहले टोपी या फिर कोई दूसरा धूप रोधी जैसे छतरी आदि का यूज करें .

घाव का निशान कम करने वाला पैड पहने –

एक बार जब घाव का रिसाव रुक जाता है और वह बंद हो जाता है, तो आपका काम ख़त्म हो जाता है. आम तौर से घाव सूखने में एक हफ्ते का वक्त लगता है. डॉ. लेफ्ले के मुताबिक चोट लगने के बाद एक साल तक शरीर त्वचा के नीचे स्कार टिशू बनाने की प्रक्रिया जारी रखता है. गहरे व गंभीर घावों को केमिस्ट के पास उपलब्ध पोलीयूरेथिन पैच से ढंके. इसमें कम से कम तीन महीनों तक हीलिंग की प्रक्रिया जारी रहती है. पैच से प्रेशर का निर्माण होता है.

निशान पर मालिश करें –

घाव होने के ६ हफ्ते बाद, जब घाव इतना ठीक हो जाता है की ताज़ा डैमेज रुक सके, तब रोजाना कम से कम दो बार हलके हाथों से कुछ देर मालिश करें. यह सिलसिला ६ महीने तक जारी रखें, ताकि कोलाजन का गूमढ़ न बनाने पाए. माध्यम व बड़े घाव के निशान पर मालिश बढ़िया रिजल्ट देती है.

सनस्क्रीन लगाने में कन्जूसी न करें –

नए घाव के निशान को धुप के संपर्क में सीधे न आने दें. धुप के संपर्क में आने से वहां काले धब्बे पड़ सकते हैं. यह चेतावनी देते हैं बोस्टन स्थित स्किनकेयर फिजिसियन के डायरेक्टर जेफरे डोवर एम् डी, जो जाने माने त्वचा रोग विशेषज्ञ है. वे कहते हैं की पुरानी की बनिस्बत ताज़ा निर्मित कोशिकाएं ज्यादा पिगमेंट्स का निर्माण करती है. इसके अलावा सूर्य की किरणों से रियेक्ट कर उनके ब्राउन होने की आशंकाएं भी ज्यादा रहती हैं. लिहाज़ा धुप में जाने से पहले घाव के निशान को बैंडेज, कपडे या एसपीएफ ३० या उससे ज्यादा मात्रा वाली सनस्क्रीन से ढँक लें. घाव ढंकना इसलिए भी बेहद जरूरी है की इसके सबूत लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं की धुप के प्रभाव से हीलिंग प्रोसेस धीमा हो सकता है.

पल्स्ड डी लेज़र के बारे में विचार करें –

इस ब्यूटी बीम ने पुराने घाव के निशान दूर करने में अपना लोहा मनवा लिया है लेकिन अब इसका इस्तेमाल ताज़ा घावों सहित कील मुहांसों के दाग धब्बों को दूर करने के लिए भी किया जा रहा है. डॉ डोवर के मुताबिक जिन लोगों के घाव सही ढंग से ठीक नहीं होते उनके लिए सचमुच में यह वरदान साबित हो सकता है. इसके इस्तेमाल से घाव के निशान के उभार व लाली में काफी कमी आ जाती है. कुछ लोगों का मानना है की यदि घाव होने के १० दिनों के भीतर इलाज लिया जाय तो इसका नतीजा बेहतर आता है.

संतुलित आहार ले –

न्यूयॉर्क सिटी के त्वचा रोग विशेषज्ञ डायना मेडफेंस, एम् डी के मुताबिक पोषक तत्व शरीर की कोशिका निर्माण प्रक्रिया को यह नकली एहसास कराते हैं की चोट लगने वाली है, नतीजतन सेल्स का निर्माण तेजी से जारी रहता है. इसके अलावा स्वास्थ्यवर्धक आहार लेने से कोलाजन का भी निर्माण लगातार शुरू रहता है. साथ ही उभरे हुए घाव के निशान का खतरा भी कम हो जाता है. लिहाजा अपने खानपान पर तवज्जो दें, खासकर विटामिन सी लेने में कंजूशी न बरते, क्योंकि कोलाजन का निर्माण करने के लिए हमारे शरीर को इसकी जरूरत पड़ती है.

 

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