लखनऊ। हार्ट को ब्लड पहुंचाने वाली धमनी में आठ वर्ष से रूकावट को दूर कर पीजीआई के डॉक्टरों ने मरीज की जान बचाने में कामयाबी हासिल की है। मरीज मल्टीवेसल कोरोनरी आर्टरी डिजीज (हार्ट की आपूर्ति करने वाली धमनियों में कई रुकावट) के साथ पुराने मायोकार्डियल इंन्फाक्शन से पीड़ित था। इस कारण धमनियों को ब्लड नहीं पहुंच पा रहा था। एक तरह पूरी तरह से ब्लाकेज हो रही थी। डॉक्टरों का दावा है कि विशेष तकनीक से इलाज के बाद मरीज के स्वास्थ्य में सुधार होने लगा। इसके बाद मरीज को डिस्चार्ज कर दिया गया है।
बस्ती निवासी एक पुरुष को आठ साल पहले हार्ट अटैक आया था। तीमारदारों ने स्थानीय अस्पताल ले गए। वहां पर एंजियोग्राफी में हार्ट को ब्लड पहुंचाने वाली बाई तरफ की धमनी पूरी तरह से बंद मिली। डॉक्टरों ने एंजियोप्लास्टी की परामर्श दिया था, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण से वह इलाज नहीं करा सके। डाक्टर के परामर्श से दवाओं से इलाज चल रहा था, तीमारदारों के अनुसार कोई फायदा नहीं हुआ। फरवरी 2022 में मरीज को फिर से हार्ट अटैक पड़ा। स्थानीय अस्पताल में तीमारदार स्थानीय अस्पताल मरीज को लेकर पहुंचे। वहां पर जांच के बाद डॉक्टरों ने हालत गंभीर बताते हुए मरीज को पीजीआई रेफर कर दिया। तीमारदार मरीज को लेकर पीजीआई पहुंचे। इमरजेंसी में मरीज को भर्ती हो गया। कॉर्डियोलॉजी विभाग के डॉ. सतेंद्र तिवारी की देखरेख में मरीज का इलाज के साथ जांचे शुरू हुई। डॉ. सतेंद्र ने बताया कि हार्ट को ब्लड पहुंचाने वाली बाई तरफ की धमनी पहले ही 100 फीसदी बंद थी। क्लीनिकल साइंस में इस बीमारी को एन्टीरियल वॉल मायोकार्डियल इन्फाक्शन कहते हैं। अब दाहिनी तरफ की धमनी भी बंद हो गई। इस कारण मरीज को गंभीर दौरा पड़ा।
डॉ. सतेंद्र ने बताया कि एंजियोप्लास्टी कर दाहिनी तरफ की धमनी के ब्लाकेज खोलने का फैसला किया। बैलून की मदद से नस खोल कर उसमें स्टंट डाला गया। मरीज को थोड़ी राहत मिलने के बाद अब दोबारा बाई तरफ की धमनी खोलने की तैयारी की गयी। इससे पहले आठ वर्ष से बंद धमनी की स्थिति का पता लगाने के लिए जांच करायी गयी है। जांच में धमनी ठीक दिख रही थी। डॉ. सतेंद्र ने बताया कि बाई तरह की धमनी में रूकावट के छोर का पता लगाना चुनौती बन गया। इसके बाद डॉ. रूपाली खन्ना ने इंट्रावैस्कुलर अल्ट्रासाउंड तकनीक के प्रयोग कर धमनी की रूकावट के छोर को तलाशा गया। फिर अतिरिक्त हार्ड वायर की मदद से ब्लाकेज धमनी को खोला गया। साथ में स्टंट डाला गया। संस्थान के निदेशक डॉ. आरके धीमान व कार्डियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. आदित्य ने टीम को बधाई दी।