लखनऊ। बलरामपुर अस्पताल में शुक्रवार को लिफ्ट टूट कर गिरी, इससे एक मरीज को चोट भी आयी। इस हादसे के बाद अस्पताल में दहशत का महौल बन गया। इस घटना ने अस्पताल की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी। करोड़ों रुपये का बजट होने के बावजूद अस्पताल की न्यू बिल्डिंग मंे वर्षों पुरानी चैनल वाली लिफ्ट का संचालन किया जा रहा है। कर्मचारी बताते हंै कि हर दूसरे दिन यह लिफ्ट खराब होती है। यह व्यवस्था सालों से चली आ रही है। जितने की लिफ्ट की कीमत नहीं होती है, उससे ज्यादा इसकी मरम्मत पर खर्च हो चुके हैं। खासबात यह है कि इस लिफ्ट से गंभीर मरीजों को तीन मंजिल तक शिफ्ट किया जाता है। इसी बिल्डिंग में ओटी मंे भी है, जहां एक दर्जन से अधिक रोजाना आपरेशन सम्पन्न किये जाते हैं।
जिस तरह लिफ्ट टूटी तो उसमें हड्डी रोग विभाग में भर्ती मरीज को स्ट्रेचर से ले जांच के लिए ले जाया जा रहा था। जैसे ही मरीज स्ट्रेचर के साथ लिफ्ट में दाखिल हुए। कर्मचारी लिफ्ट में सवार होने जा रहे थे, तभी लिफ्ट भरभरा कर दो तल से नीचे आ गई, इसमें मरीज को चोट भी आयी।
सुबह से मरीज को दुरुस्त कराने का कार्य चल रहा था।
करीब दो बजे टेक्नीशियनों से लिफ्ट को क्रियाशील होने की पुष्टि की। मरीजों के लिए लिफ्ट चलाने की तैयारी की, तभी दूसरे तल पर हड्डी रोग विभाग में भर्ती मरीज रमेश मिश्र को जांच के लिए भूतल तक जाना था। कर्मचारी स्ट्रेचर से मरीज को लेकर लिफ्ट के भीतर गये। इसी बीच लिफ्ट टूटकर नीचे जाने लगी। यह देख चीख-पुकार मचने लगी। पहले से घायल मरीज कई चोट लगीं। कर्मचारियों ने किसी तरह मरीज को लिफ्ट से बाहर निकाला लेकिन स्ट्रेचर क्षतिग्रस्त हो गया।
इसके बाद मरीज को डॉक्टर के पास ले गए, जहां उसे प्राथमिक उपचार कराने की सलाह दी गयी। इस घटना के बाद मरीज या तीमारदारों ने लिफ्ट से जाने के बजाए सीढ़ियों से जाना उचित समझा। हालांकि, गंभीर मरीजों को तीमारदार किसी तरह अपने घंधों का सहारा देते हुए नीचे लेकर आए, जबकि दूसरी लिफ्ट चालू थी। इस न्यू बिल्डिंग ही नहीं बल्कि न्यू प्राइवेट वार्ड की लिफ्ट सालों से खराब पड़ी है जबकि अधिकांश समय वार्डों की स्थिति हाउसफुल बनी रहती है। खराब लिफ्ट होने के बावजूद मरीज आैर तीमारदार सीढ़ियों से पहुंचाए जाते हैं। हालांकि, अधिकारी रोजाना अस्पताल का राउंड करते हैं। कुछ दिन पहले अस्पताल के निदेशक ने ओपीडी में चौपाल लगायी कि किसी मरीज को कोई दिक्कत हो तो उन्हें अवगत कराए। अस्पताल के निदेशक डा. एके सिंह के अनुसार दो खराब लिफ्ट के लिए प्रस्ताव दिया जा चुका है, वहां अब नयी लिफ्ट लगायी जाएगी।