लखनऊ। किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में दूसरे लाइव डोनर लिवर प्रत्यारोपण कराने वाले मरीज और डोनर की हालत में सुधार हो रहा है। प्रत्यारोपित व डोनर को लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटाकर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। डाक्टरों की देख रेख में लिवर डोनर से उसकी पत्नी की मुलाकात करायी गयी। अन्य परिजनों को संक्रमण की वजह से अन्य किसी को वार्ड में जाने की अनुमति नहीं दी गई है।
बृहस्पतिवार को आलमबाग निवासी नवीन वाजपेयी (45) का केजीएमयू के सर्जिकल गैस्ट्रोइंट्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डा. अभिजीत चंद्रा के साथ उनकी 50 डाक्टरों की टीम ने लाइव डोनर लिवर प्रत्यारोपण किया गया था। विशेषज्ञों के अनुसार नवीन लिवर सिरोसिस से पीड़ित था आैर उसकी हालत तेजी से गंभीर होती जा रही थी। किसी करीबी का लिवर मानक पर खरा न उतरने पर उसकी पत्नी के भाई (साले) पवन ने लिवर डोनेट किया था। दोनों को देर शाम ही होश आ गया था। शुक्रवार को दिनभर की निगरानी के बाद उन्हें वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। उनकी हालत में तेजी से सुधार हो रहा है। गैस्ट्रो सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. अभिजीत चंद्रा ने बताया कि एक हफ्ता विशेषज्ञ टीम की निगरानी रखने की जरूरत होती है। दूसरे दिन दोनों की सभी रिपोर्ट सामान्य आई हैं। वर्तमान में प्रत्यारोपण पूरी तरह से सफल माना जा रहा है, लेकिन हफ्ते भर बाद ही पूरी तरह से स्पष्ट कहा जा सकता है।
उन्होने बताया कि होश में आने के कुछ घंटों बाद ही प्रत्यारोपित मरीज और डोनर को लाइफ सपोर्ट सिस्टम से हटाकर वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है। दोनों को अलग- अलग वार्ड में रखा गया है। डोनर को विशेषज्ञो की देख रेख में पानी दिया गया है,प्रत्यारोपित मरीज को अभी कुछ नहीं दिया जा रहा है। रविवार शाम तक की निगरानी के बाद दोनों को इटेलाइज्ड भोजन दिया जाएगा। एनेस्थेसिया टीम की प्रो. परवेज अहमद ने बताया कि डोनर से उसकी पत्नी की मिलने दिया गया है। उसने बातचीत में खुद को किसी तरह की दिक्कत नही होना बताया है। संक्रमण को देखते हुए अन्य परिजनों को अभी मिलने से मना किया गया है।
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