लखनऊ। गोमतीनगर स्थित डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के प्रशासनिक अधिकारियों के जानकारी में आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के वेतन से प्रत्येक महीने जबरन कटौती की जा रही है। इससे संस्थान के सैकड़ों आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने आक्रोश व्यक्त किया है। कर्मचारियों का आरोप हैं कि कंपनियां मनमानी की रही है। पिछले दो महीने से 500 से लेकर 1000 रुपये तक किसी न किसी प्रकार वेतन से कटौती कर रही हैं।
लोहिया संस्थान अधिकारी वेतन कटौती पर कर्मचारियों की शिकायत सुनने को तैयार नहीं हैं, जिससे कंपनियां मनमाने पर उतारू है। अधिकारियों की उदासीनता आैर कंपनियों मनमाने तरीके संविदा कर्मचारी संघ का आक्रोशित हो गया है आैर आन्दोलन की चेतावनी दे दी है।
लोहिया संस्थान में सेवा प्रदाता फर्म सुदर्शन फैसिलिटी के तहत नर्सिंग, कंप्यूटर ऑपरेटर व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी कार्य कर रहे हैं। संविदा कर्मचारी संघ के महामंत्री सच्चिता नन्द मिश्रा का आरोप है कि वेतन महीने की सात तारीख तक मिल जाता था, लेकिन सेवा प्रदाता कंपनी ने 15 तारीख के बाद वेतन देना शुरू कर दिया है। आरोप है कि अगस्त के वेतन से बिना कोई कारण बताये 500 रुपए सैकड़ों कर्मचारियों के काट लिये गये। इसी प्रकार जुलाई भी वेतन से एक हजार रुपए की कटौती की गयी थी। शिकायत के बाद भी कंपनी कटौती की रकम लौटा नहीं रही है। जिससे सभी में आक्रोश व्याप्त हो गया है।
महामंत्री का कहना है कि दूसरी फर्म प्रिंसिपल सिक्योरिटी ने भी सुरक्षा कर्मियों के वेतन से 500 से 1500 रुपए की कटौती की है। कम वेतन पाने वाला कर्मचारी अपना पूरा वेतन पाने के लिए लोहिया संस्थान अधिकारियों से फरियाद कर रहे है। फर्म के सुपरवाइजर कर्मचारियों की बात की बजाय भगा देते है। बल्कि आवाज उठाने की बात कहने पर नौकरी से निकालने की धमकी दे रहे हैं।
शुक्रवार को संविदा कर्मचारी संघ के प्रतिनिधि मंडल ने संस्थान मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एके सिंह से मुलाकात करके परेशानी बतायी। सेवा प्रदाता कंपनियों की मनमाने रवैये की जानकारी दी। महामंत्री ने कहा कि वेतन कटौती की समस्या से कर्मचारियों में आक्रोश है। यदि कर्मचारियों को समय पर वेतन का भुगतान व कटौती को रोका नही गया, तो आन्दोलन होगा।