लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जटिल इलाज कर कैंसर मरीज को नया जीवन देने में सफ लता प्राप्त की है। मरीज के प्राइवेट पार्ट में कार्सिनोमा हो गया था।
रेडियोथेरेपी विभाग के विशेषज्ञ डॉक्टर ने सर्जरी का विकल्प इंटरस्टीशियल ब्रोकीथेरेपी की सहायता से रेडियोथेरेपी देकर इलाज किया। विशेषज्ञ डॉक्टरों का कहना है कि इस तकनीक से इलाज के बाद मरीज की तबीयत में तेजी से सुधार है। संस्थान निदेशक डा. सीएम सिंह ने इलाज करने वाली टीम को बधाई देते हुए बताया कि इस तकनीक से कैंसर इलाज बहुत दुर्लभ होता है।
लखनऊ निवासी 35 साल के पुरुष को प्राइवेट पार्ट में घाव हुआ। सामान्य संक्रमण समझकर डॉक्टरों से इलाज करा रहा था। इलाज के बाद भी मरीज की बीमारी में सुधार नहीं हुआ। परिजन मरीज को लेकर लोहिया संस्थान पहुंचे। यहां रेडियोथेरेपी विभाग के डॉ. अजित गांधी के निर्देशन में इलाज शुरू हुआ।
डॉ. अजित गांधी ने बताया कि प्राइवेट पार्ट का कैंसर एक लाख में एक से तीन मरीजों को होता है। मरीज के प्राइवेट पार्ट के ग्लान्स में अल्सर होने की शिकायत है, जो ठीक नहीं हो रहा है । उन्होंने बताया कि अभी तक ऑपरेशन ही विकल्प था। जांच में पता चला कि एमआरआई, पीईटी-सीटी जैसी उच्च स्तरीय इमेजिंग जांच से पता चला कि रोग कमर, श्रोणि या शरीर के किसी अन्य भाग में नहीं फैला है और प्राइवेट पार्ट के ग्लान्स क्षेत्र तक सीमित पाया गया। उन्होंने बताया कि सर्जरी में ट्यूमर वाले हिस्से को हटाना पड़ता है। इसके बाद मरीज को यूरीन करने में दिक्कत होती है। मानसिक पीड़ा से भी गुजरना पड़ता है।
रेडियोआंकोलॉजी प्रमुख प्रो. दया नंद शर्मा ने बताया कि इंटरस्टीशियल ब्रोकीथेरेपी से इलाज मुहैया कराया गया। उन्होंने बताया कि इलाज से मरीज को राहत है। उन्होंने बताया कि खास बात यह है कि इंटरस्टीशियल ब्रोकीथेरेपी से मरीज को सीधे ट्यूमर पर वार किया गया, जिससे बीमारी से मरीज को निजात मिल गयी है। इलाज में कै ंस विशेषज्ञ डा. मधुप रस्तोगी सिस्टर रंजीता स्मार्ट व मेडिकल फिजिसिस्ट डॉ. अनूप श्रीवास्तव समेत अन्य डॉक्टर मौजूद रहे।