लखनऊ। डा. राम ग्रेस लोहिया अस्पताल में संदिग्ध रेजीडेंट डॉक्टर अमित नायक की मौत हो गई। बृहस्पतिवार को उनके शव के कमरे में मिला। ड्यूटी पर न पहंुचने पर साथी डॉक्टर के कमरे पर पहंुचे और दरवाजे पर दस्तक दी, कोई जवाब नहीं मिला। सूचना ही इंस्पेक्टर गाजीपुर सुनील कुमार सिंह पर पहंुचे। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो डा. अमित बिस्तर पर पड़े थे। आनन-फानन में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने डा. अमित को मृत घोषित कर दिया। गिरने में मौत की वजह की पुष्टि नहीं हुई है।
मूल रूप से गोरखपुर गाघा निवासी हेमचन्द्र नायक दिल्ली के जहांगीरपुरी में लेबल का व्यवसाय करते हैं। परिवार में बेटी रिंकू नायक, अंजुना नायक, अनू नायक व अभय नायक हैं। छोटा बेटा अमित नायक (28) डा. राम मनोहर लोहिया अस्पताल में एमडी निस्थीसिया की पढ़ाई चल रही थी। वह इंदिरानगर सेक्टर-14 में किराए पर रहा था। गुरुवार शाम साढ़े छह बजे से डा. अमित की ड्यूटी थी। तंद्रा पर डा. अमित कर्तव्य पर नहीं। इस पर ईएमआई। राहुल ने फोन तो किया लेकिन फोन नहीं आया। कई बार कॉल की गई लेकिन हर बार पूरी घंटी बजती रही।
लगातार कॉल के बाद भी रिसीवर न होने पर। शुभेंदु, डा. शोएब व डा. अनिल को इंदिरानगर स्थित कमरे में भेज दिया गया। डॉक्टरों ने कमरे पर पंहुचकर कॉल की। दरवाजे की कुण्डी सुनाई दी लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। परेशान साथियों ने डॉयल-112 पर सूचना दी। जानकारी ही मिलती है पुलिस पर पहुची। पुलिस ने दरवाजा तोड़ा। अंदर पहंुचे तो बेड पर डा. अमित नायक बेसुध पड़ा था। बिस्तर पर डा. अमित को बेसुध ने साथियों को सीपीआर दिया।
सुधार न होता देख आनन-फानन में अमित को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। मौत की पुष्टि होने के साथ ही पुलिस ने अमित के पिता हेमचन्द्र नायक को फोन कर सूचना दी। जिसके बाद घरवाले शुक्रवार को लखनऊ पहंुचे। शुक्रवार को डॉक्टरों के पैनल ने नायक के शव को दिखाया। मिले में भी मौत की वजह साफ नहीं हो सकती। जिसके बाद डॉक्टरों ने विसरा सुरक्षित कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा है।