लखनऊ। डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान में नर्सिंग भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी की जांच बहुत धीमी चल रही है। अभी से लापरवाही कहें या और कुछ इसी परिणाम स्वरुप इसका नुकसान 28 हजार से अधिक अभ्यर्थियों को हो रहा है। परीक्षा को लेकर अभी तक संस्थान प्रशासन की हाई कमेटी जांच पूरी नहीं कर पा रही है।
बताते चले कि नौ फरवरी को लोहिया संस्थान की नर्सिंग भर्ती परीक्षा देश के 92 सेंटरों पर आयोजित की गयी थी। इसमें अभ्यर्थियों के बवाल सात सेंटरों में भारी पैमाने पर गड़बड़ी का खुलासा हुआ था। इस दौरान पर्यवेक्षक बंधक बना लिए गए थे। लापरवाही का आलम यह है कि अभ्यर्थी मोबाइल लेकर सेंटर के भीतर प्रवेश कर गये थे।
गुजरात की एजेंसी एडुटेस्ट ने परीक्षा करायी थी। इसके बाद सात सेंटरों की परीक्षा संस्थान प्रशासन ने निरस्त कर दी है।
संस्थान के प्रवक्ता डॉ. एपी जैन ने बताया कि प्रकरण की जांच के लिए हाईपावर कमेटी गठित कर दी थी। कमेटी के सदस्य वीडियो, ईमेल से मिली शिकायत व पर्यवेक्षकों की रिपोर्ट को आधार पर गहन जांच कर रहे हैं। बताया जाता है कि जांच अंतिम दौर में चल रही है। जल्द ही रिपोर्ट आने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि किसी के भविष्य से खिलवाड़ नहीं होने दिया जाएगा।
वही पिछले सप्ताह पीजीआई ने नर्सिंग की भर्ती परीक्षा करायी। परीक्षा में किसी भी तरह की गड़बड़ी के आरोप नहीं लगे, जबकि लोहिया संस्थान की नर्सिंग भर्ती परीक्षा में ढेरों गड़बड़ियां का खुलासा हुआ। इससे संस्थान और सरकार की काफी बदनामी हुई, इसके बाद भी अब जांच में सुस्ती बरती जा रही है। इससे अन्य पदों पर परीक्षा कब आैर कैसे करायी जाएगी। इस पर प्रश्न चिह्न लग गया है।