लखनऊ। ब्लड की महंगी जांचों के लिए सरकारी अस्पतालों में चल रहे रेफरल सेंटर अब बंद नहीं होंगे। तीन नवंबर से बंद होने वाले लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के रेफरल सेंटर वार्ता के बाद उनका समय बढ़ाकर मार्च तक कर दिया गया। ऐसे में पूर्व की भांति अस्पतालों से सैंपल लेकर जांच लोहिया संस्थान से अभी होती रहेगी। उप्र हेल्थ सिस्टम स्ट्रेंथनिंग परियोजना के तहत हाई इंडलै बोरेट्री यूनिट का संचालन वर्ष 2015 से बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, रानी लक्ष्मीबाई, लोकबंधु अस्पताल , डफ रिन अस्पताल के अलावा वीरागंना झलकारी बाई अस्पताल में हो रहा है। इसमें लोहिया संस्थान सरकारी अस्पतालों से मरीजों के सैंपल लेकर ब्लड की जटिल बीमारियों की जांच करता था। आमतौर इस सेंटर पर होने वाली जांच काफी मंहगी होती है आैर अस्पतालो की पैथालॉजी में मुमकिन नहीं है।
इन ब्लड जांच का भुगतान उप्र हेल्थ सिस्टम स्ट्रेन्थनिंग परियोजना के तहत होता था। बताया जाता है कि अस्पताल पर लगभग लाख रुपये का खर्च आता है। मंहगी जांच तथा कम सैंपल आने के बाद समय पर भुगतान न होने पर लोहिया संस्थान ने रेफरल सेंटर बंद करने की तैयारी कर ली है। इस बावत बीते सितंबर माह में सभी अस्पताल के प्रभारियों को अवगत कराया था। अब लोहिया संस्थान ने रेफरल सेंटर बंद करने की समय सीमा बढ़ा दी है। अब यह सेंंटर अगले वर्ष मार्च माह में बंद किए जाएंगे। ऐसे में अस्पताल आने वाले मरीजों को जांच के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
यूपीएचएसएसपी के अपर परियोजना निदेशक डॉ. हर्ष शर्मा ने बताया कि सरकारी अस्पतालों में चल रहे रेफरल सेंटर नवंबर माह में बंद नहीं होंगे। यह सेंटर फिलहाल 30 मार्च तक चलेंगे। इसके बाद बैठक करके आगे का निर्णय लिया जाएगा।
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