लखनऊ। गोमती नगर के डा. राम मनोेहर लोहिया संस्थान के वेलफेयर सोसायटी के मेडिकल स्टोर में आने वाली सरकारी दवाएं महंगें दामों पर आस-पास दवाखानों पर बिक रही है। संस्थान में भर्ती पूर्व मंत्री की पत्नी को डॉक्टर ने तीन इंजेक्शन लिखे। पूर्व मंत्री का वाहन चालक इंजेक्शन लेने अस्पताल के बाहर बने निजी मेडिकर स्टोर पर गया। मेडिकल स्टोर संचालक ने तीनों हास्पिटल सप्लाई के इंजेक्शन थमा दिए। ड्राइवर इंजेक्शन लेकर डॉक्टर पास पहुंचा तो वह भी चकरा गए। डॉक्टर ने इंजेक्शन वापस कराकर ब्रांडेड कंपनी की दवा मंगवाई। हालांकि बाद में दोनों पक्षों में सुलह हो गया। वहीं आरोप है कि संस्थान कर्मचारी सरकारी दवाएं चुराकर उन्हें निजी मेडिकल स्टोर पर उच्च दरोंं पर बिकवा रहे हैं।
लोहिया संस्थान के वेलफेयर सोसायटी की सरकारी दवाओं की बाहर की दवा की दुकान पर बेची जा रही है। यह दवाएं संस्थान में मरीजों को मिल पा रही है। पूर्व मंत्री सत्यदेव त्रिपाठी की पत्नी आशा त्रिपाठी (69) संस्थान के प्राइवेट वार्ड में भर्ती हैं। मरीज का इलाज कैंसर विशेषज्ञ डॉ. गौरव गुप्ता कर रहे है। बुधवार दोपहर डॉक्टर मरीजों को लगाने के लिए फरेगामिन इंजेक्शन लिखे। वाहन चालक पर्चा लेकर इंजेक्शन लेने संस्थान के वेलफेयर स्टोर पर गया। वहां से उससे इंजेक्शन मौजूद नहीं है बताया गया। वाहन चालक लोहिया अस्पताल के सामने निजी मेडिकल स्टोर पर गया।
जहां उससे तीन इंजेक्शन के लिए करीब 1800 रुपए लिए गए। इंजेक्शन हास्पिटल सप्लाई का थमा दिया गया। चालक इंजेक्शन लेकर डॉक्टर पास पहुंचा तो वह भी दंग रह गए। डॉक्टर ने संस्थान सप्लाई वाला इंजेक्शन वापस कराने भेजा। इसे लेकर मेडिकल स्टोर संचालक व चालक के बीच कहासुनी भी हुई। हंगामा बढ़ता देख मेडिकल स्टोर संचालक ने दवा वापस ले लेकर दूसरी कंपनी का इंजेक्शन दिया। लोहिया संस्थान कार्यवाहक निदेशक डॉ. दीपक मालवीय ने कहा कि वेलफेयर सोसायटी से मिलने वाले इंजेक्शन बाहर से कम दर पर मिलता है। उन्होंने साफ इनकार करते हुए कहा संस्थान से बेंचे जाने का सवाल नहीं उठता। फिलहाल मामले की जांच करायी जाएगी।
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