लखनऊ। कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट के बचाव की तैयारियों के बीच एक चौकाने वाली जांच रिपोर्ट का खुलासा हुआ है। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में डा. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के 88 प्रतिशत डॉक्टर-स्वास्थ्य कर्मी डेल्टा वैरिएंट की चपेट में आये, लेकिन कोविड वैक्सीनेशन होने के कारण डॉक्टर-कर्मचारियों में इस संक्रमण के बावजूद बच कर निकल गये। इसके अलावा लोहिया संस्थान प्रशासन भी पीपीपी मॉडल पर डेल्टा प्लस की जांच जीनोम सिक्वेंसिंग की तैयारी कर रहा है।
वैरीय की जांच के लिए प्रयोगशाला में 15 डॉ.-कर्मचारियों के कीटाणु एकत्रित होते हैं। सेलम्पल को दिल्ली की जांच जांच के लिए सबमिट किया गया। जांच-पड़ताल करने के बाद वह चौकाड दिखने वाला था। जांच में जांच की जांच की जांच में 42 सेल की त्वचा की रक्षा की रक्षा करें। यह जांच करने के बाद भी खराब हो जाती है। विशेषज्ञ की तकनीक की गुणवत्ता खराब गुणवत्ता वाली स्वस्थ बनी। स्वस्थ होने के बाद भी स्थिति में सुधार होता है। भर्ती होने की स्थिति में भर्ती होने की स्थिति में वे ठीक हो सकते हैं। लोहिया पर्यावरण के लिए उपयुक्त है। शीघ्र ही जांच शुरू करें।