शरीर में कहीं का भी लम्बे समय का दर्द , ऐसे होगा फुर्र 

0
786

 

Advertisement

 

 

 

 

लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के एनेस्थीसियोलॉजी, किटिकल केयर एवं पेन मेडिसिन विभाग द्वारा रेडियो फिक्व्रेसी इंटरवेंशन इन पेन मेडिसिन विषय पर दो दिवसीय लाइव कार्यशाला एवं सतत चिकित्सा शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन संस्थान की निदेशक प्रो. सोनिया नित्यानंद, डीन. प्रो. नुजहत हुसैन एवं प्रो. दीपक मालवीय विभागाध्यक्ष एनेस्थीसिया विभाग द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

 

 

प्रो. दीपक मालवीय ने कहा कि कार्यशाला का आयोजन इससे पूर्व किसी भी संस्थान द्वारा नहीं किया गया। भविष्य में भी इस प्रकार कि कार्यशालाओं का आयोजन विभाग द्वारा किया जायेगा और उच्चस्तरीय पद्धति द्वारा मरीजों का इलाज शीघ्र ही प्रारम्भ करना सुनिश्चित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि अक्सर लोग दर्द में बिना डाक्टर के परामर्श के दवा का सेवन करते रहते है। जब कि दर्द डाक्टर के परामर्श के बाद दवा के सेवन से न जाए, विशेषज्ञ डाक्टर से परामर्श लेकर पेन मैनेजमेंट के डाक्टर से परामर्श लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पाइन से लेकर पुराने दर्द से निजात के लिए विभिन्न तकनीक से इलाज सम्भव है। संस्थान की निदेशक एवं मुख्य अतिथि प्रो. सोनिया नित्यानंद ने कहा कि इस नयी पद्धति द्वारा लम्बे समय के दर्द का इलाज कर पीडित कर एक बेहतर जीवन दिया जा सकता है। कार्यशाला में उपस्थित डा. अनिल अग्रवाल एसजीपीजीआईएमएस के संयुक्त प्रयास से उन्होंने गम्भीर पुराने दर्द के रोगियों का इलाज किया।

 

 

 

डॉ. आशू जैन, आर्टमिस अस्पताल, एनसीआर विभागाध्यक्ष पेन मेडिसिन विभाग के ने कई वर्षों से पुरानी पीठ दर्द के रोगी मे कूल्ड रेडियोफ्रीक्वेंसी बायकुलोप्लास्टी तकनीक द्वारा लाइव वर्कशॉप में इलाज की विधि का प्रदर्शन किया।
डॉ. पंकज सुरंगे देश भर ने पुराने ऑस्टियोआर्थराइटिस (घुटने के दर्द) के लिए कूल्ड रेडियोफ्रीक्वेंसी तकनीक द्वारा लाइव वर्कशॉप में उपचार का प्रदर्शन किया। डॉ. सुजीत कुमार सिंह गौतम और डॉ चेतना समशेरी ने भी पुराने दर्द रोगियों पर कई एमआईपीएसआई तकनीक द्वारा लाइव वर्कशॉप में उपचार का प्रदर्शन किया। डॉ अमितेश पाठक ने ट्राइजेमिनल न्यूराल्जिया के लिए कूल्ड रेडियोफ्रीक्वेंसी द्वारा लाइव वर्कशॉप में इलाज की जानकारी दी।
साथ ही कार्यशाला में रोगियों को भी इस चिकित्सा पद्धति से इलाज किया गया और उन्हें आगे के परामर्श हेतु पेन मेडिसिन ओपीडी में आने के लिए कहा गया।

Previous articleराजधानी में Corna संक्रमण है कि नहीं,ऐसे पता करने जा रहा स्वास्थ्य विभाग
Next articlePgi में दिसंबर से शुरू होगी टेली आईसीयू सुविधा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here