डायग्नोस्टिक और इंटरवेंशनल पल्मोनरी मेडिसिन यूनिट का उद्घाटन
मोटे रोगियों में खर्राटे और दिन में नींद को नजरअंदाज न करें।
लखनऊ। डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान के पल्मोनरी मेडिसिन विभाग में शनिवार को अपने नवनिर्मित डायग्नोस्टिक और इंटरवेंशनल पल्मोनरी मेडिसिन यूनिट का उद्घाटन किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि लोहिया संस्थान निदेशक प्रो. सी.एम. सिंह, डीन डॉ. प्रद्युम्न सिंह, कार्यकारी रजिस्ट्रार डॉ. ज्योत्सना अग्रवाल, मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. अजय कुमार सिंह और विशेष आमंत्रित अतिथियों में केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग प्रमुख प्रो सूर्यकांत, पल्मोनरी और क्रिटिकल केयर मेडिसिन प्रमुख प्रो. वेद प्रकाश मौजूद थे।
पल्मोनरी मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. हेमंत कुमार को नवनिर्मित यूनिट के प्रभारी हैं। यह यूनिट पल्मोनरी डायग्नोस्टिक्स का एक व्यापक स्पेक्ट्रम प्रदान करती है, जिसमें स्पायरोमेट्री, इम्पल्स ऑसिलॉमेट्री, बॉडी प्लेथिस्मोग्राफी (बॉडी बॉक्स), स्लीप लैब, ब्रोंकोस्कोपी सूट, और थोराकोस्कोपी सूट शामिल हैं। डॉ. हेमंत ने बताया कि नये अत्याधुनिक उपकरणों से श्वसन तंत्र सम्बंधी बीमारियों का निदान करने में सहायता मिलेगी।
निदेशक प्रो. सी.एम. सिंह ने कहा कि जीवनशैली में परिवर्तन के कारण मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। मोटे लोगों को रात में खर्राटे आने की समस्या से होती है, लेकिन दुर्भाग्यवश, सामान्य लोग इसे गहरी नींद का संकेत मानते हैं। बिना उपचारित गंभीर बीमारियों का कारण बनता है है। गंभीर जटिलताओं का कारण बनता है, जैसे दिल का दौरा, मधुमेह, हड्डियों की कमजोरी आदि और कई मरीजों की मौत मायोकार्डियल इन्फार्क्शन के कारण होती है। मोटे, खर्राटे लेने के लक्षण जैसे दिन में नींद, थकान आदि वाले मरीजों के लिए नींद अध्ययन की सिफारिश की जाती है।