कुछ लोग सेहत को ठीक ठाक रखने के लिए मछली के तेल के कैप्सूलों का सेवन करते हैं, लेकिन कई बार इन कैप्सूलों के सेवन के बाद आने वाली डकारें आसपास मौजूद लोगो को नागवार गुजरती हैं .यहाँ इस समस्या के कुछ समाधान दिए जा रहे हैं, जिन पर अमल कर आप इस मुसीबत से छुटकारा पा सकते हैं –
ब्रांड बदलें –
सस्ते किस्म के कैप्सूल सस्ते दर्जे के तेल से बने होते हैं . उनकी निर्माता कम्पनियां कोई बड़ी कम्पनी नहीं होती . उनके द्वारा निर्मित उन कैप्सूलों में दुर्गन्ध तो आती ही है, कई बार उनमें मरकरी जैसे विषैले तत्वों का लेवल भी हाई रहता है . दवाओं का निर्माण के लिए स्वच्छ पानी में पली स्वच्छ मछलियों के ही तेल का उपयोग किया जाता है .
खाने के साथ ही कैप्सूल लें –
अगर आप मछली के तेल के कैप्सूलों का नियमित उपयोग करते हैं तो बेहतर यही होगा की आप इन्हें खाने के साथ ही लें . और हाँ खाना भी धीरे धीर चबाकर खाएं ताकि पेट में खाने के साथ ज्यादा हवा न जा पाए, जो की डकार आने का एक अहम् कारण होता है .
कैप्सूल को फ्रीज करें –
फ्रिज में रखे कैप्सूल अमाशय में अपेक्षाकृत धीमी गति से पचते हैं, लिहाजा गैस कम बनती है और डकारे भी कम ही आती हैं . ध्यान रहे – कुछ निर्माता कम्पनिया इन कैप्सूलों को फ्रिज में रखने से यह कहकर मन करती है की फ्रीज करने से इनके कुछ फायदेमंद गुण ख़त्म हो जाते हैं, जबकि यह बात एकदम गलत है . लिहाजा लेबल ध्यान से पढ़कर कैप्सूलों को ठीक तरह से फ्रीज करें .
इसके अलावा आप चाहें तो सर्दिंस या टूना मछली या फिर अलसी का इस्तेमाल कर ओमेगा-३ फैटी एसिड प्राप्त कर सकते हैं . अलसी के तेल से कैप्सूल भी मिलते हैं . सबसे बड़ा तो फायदा यह होता है की सीधे खाने पीने के सामानों से प्राप्त पोषक तत्वों को शरीर बेहतर ढंग से जज्ब करता है .