महाराष्ट्र में आए नए स्ट्रेन से बढ़ी स्वास्थ्य विभाग की धडक़न

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विदेश से आने वालों की 10 तक होगी निगरानी, एयरपोर्ट पर जांच
फोकस सैंपल के बाद फिर होगी ऑन स्पॉट सैंपलिंग
कोविड के नए स्ट्रेन और विभिन्न राज्यों में बढ़ी संख्या ने डराया
लखनऊ। देश में कोरोना पॉजिटिव मरीजों की संख्या में एक बार फिर इजाफा होने लगा है। महाराष्ट्र में एक बार फिर मरीजों की संख्या बढऩे और ब्राजील में मिले नए स्ट्रेन ने स्वास्थ्य विभाग की नींद उड़ा दी है। विभाग ने हर स्तर पर निगरानी रखने का निर्देश दिया है। विदेश से आने वालों की एयरपोर्ट पर जांच के साथ ही 10 तक निगरानी की जा रही है। कोकस सैंपल पूरा होने के बाद ऑन स्पॉट सैंपलिंग होगी। इसके नतीजे देखने के बाद ही कोरोना मुक्त घोषित करने के संबंध मेँ फैसला लिया जाएगा।
राजधानी लखनऊ में अब तक 81714 लोग कोरोना की चपेट में आ चुके हैं। इसमें 1186 की मौत हो गई है। इन दिनों 379 एक्टिव केस हैं। 11 फरवरी को 30 मरीज मिलेथे। इसके बाद से लगातार संख्या में गिरावट हो रही है। बुधवार को यह संख्या गिरकर नौ पर पहुंच गई। अभी तक स्वास्थ्य विभाग का मानना था कि लोग मास्क पहनते रहे और अन्य सावधानियां बरती तो एक मार्च तक मरीजों की संख्या शून्य के आसपास पहुंच सकती है। इसके बाद राजधानी को कोरोना मुक्त घोषित किया जा सकता है। लेकिन महाराष्ट्र, गुजरात में अचानक मरीजों की संख्या बढऩे और ब्राजील व अफ्रीका केस्ट्रेन मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग की बेचैनी बढ़ गई है। विभाग की ओर से निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। चिकित्सा महानिदेशक डा. डीएस नेगी ने बताया कि नए स्ट्रेन के मरीज प्रदेश में नहीं मिले हैं। फिर भी निगरानी रखी जा रही है। विदेश ही नहीं दूसरे प्रदेशों से आने वालों की भी जांच कराई जा रही है। विदेश से आने वालों की 10 दिन तक निगरानी की जा रही है। ब्राजील और अफ्रीका वाले स्ट्रेन को लेकर जल्द ही नई गाइडलाइन जारी की जाएगी।

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राजधानी में संक्रमण दर 0.13 फीसदी पहुंची
कांट्रैक्ट एवं ट्रेसिंग प्रभारी डा. एमके सिंह ने बताया कि राजधानी में नए मरीज बेहद कम मिल रहे हैं। अब यहां की संक्रमण दर 0.13 फीसदी तक पहुंच गई है। लेकिन दूसरे राज्यों में अचानक कोविड के मरीजों की संख्या बढऩे की वजह से निगरानी बढ़ा दी गई है। इसके लिए फोकस सैंपल का सहारा लिया गया है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, एयरपोर्ट पर फोकस सैंपलिंग की गई। पांच दिन में करीब 15 हजार से ज्यादा लोगों की जांच कराई जा चुकी है, लेकिन कोई भी पॉजिटिव नहीं पाया गया है। दूसरे राज्यों में मरीजों की संख्या बढऩे के बाद एक्सप्रेस वे और टोल प्लाजा पर भी जांच कराई जा रही है।

विदेशियों पर खास नजर
डा. एमके सिंह ने बताया कि विदेशियों की एयरपोर्ट पर जांच कराई जा रही है। साथ ही उन्हें लक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी देने, मास्क नियमित पहनने के बारे में बताया जाता है। एक टीम 10 दिन तक विदेश से लौटने वालों की निगरानी करती है। उन्हें फोन करकेस्थिति केबारे में जानकारी ली जा रही है।

फोकस सैंपल के बाद होगी स्पॉट जांच
स्वास्थ्य विभाग की ओर से अभी फोकस सैंपलिंग कराई जा रही है। इसके बाद स्पॉट सैंपलिंग होगी। इसमें भीड़भाड़ वाले स्थान पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचेगी। एक स्थान से पांच से 10 लोगों के सैंपल लेगी। फिर इस सैंपल की आरटीपीसीआर जांच के बाद आगे का फैसला लिया जाएगा।

तीन दिन से थमा है मौत का आंकड़ा
फरवरी माह में अब तक सात लोगों की मौत हुई है। जबकि 15 सितंबक को एक दिन में 16 लोगों की मौत हुई थी 14 फरवरी को एक व्यक्ति की मौत हुई। इसके बाद से अभी तक तीन दिन में किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।

मरीजों की संख्या हुई सामान्य, पर सावधानी जरूरी
लखनऊ। राजधानी में कोरोना मरीजों की संख्या दो दिन से लगातार 10 से नीचे बनी हुई है। इस स्थिति को चिकित्सा विशेषज्ञ सामान्य स्थिति में पहुंचना मान रहे हैं, लेकिन उनकी सलाह है कि कोरोना को सामान्य स्थिति में रोकेरखने के लिए सावधानी जरूरी है। लोगों ने मास्क का प्रयोग करना छोड़ दिया तो फिर से संख्या बढ़ सकती है।

चाहे कोई भी हो मजबूरी पर मास्क है जरूरी
केजीएमयू के रेस्पेरेटरी मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. सूर्यकांत ने कहा कि अभी हर व्यिक्त को अनिवार्य रूप से मास्क लगाना है। टीकाकरण कराने वाले भी मास्क का प्रयोग करते रहें। जो लोग किसी कारणवश टीकाकरण में शामिल नहींं हो पाए हैं, वे मापअप राउंड में हर हाल में टीकाकरण करा लें। लोहिया संस्थान के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डा. विक्रम सिंह ने बताया कि विभिन्न देशों में यह बात सामने आई है कि मास्क का प्रयोग छोडऩे पर मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। इसलिए कोरोना की चेन तोडऩे के लिए हर व्यक्ति को अनिवार्य रूप से मास्क का प्रयोग करना होगा। सोशल डिस्टेसिंग का भी पालन करना चाहिए।

फरवरी माह में 0.39 फीसदी पहुंचा संक्रमम की दर
राजधानी में संक्रमण की दर फरवरी माह में तेजी से गिरी है। दिसंबर माह में संक्रमण की दर करीब दो फीसदी रही। जनवरी में यह गिरकर 1.35 फीसदी पर पहुंची। फरवरी माह में नौ दिन की स्थिति देखें तो संक्रमण की दर गिरकर 0.39 फीसदी पर पहुंच गया है। कोरोना टीकाकरण प्रभारी डा. एमके सिंह का कहना है कि कांट्रैक्ट ट्रेसिंग लगातार की जा रही है। पॉजिटिव मिलने वालों के संपर्क में आने वालों के परिजनों के साथ ही उनकेकार्यालय के लोगों की भी जांच कराई जा रही है। कांट्रैक्ट ट्रैसिंग का दायरा बढऩे और लोगों के जागरुक होने का नतीजा है कि वायरस की चेन टूटी है। राजधानी वासियों का इसी तरह सहयोग मिलता रहा तो एक दो दिन में यह संख्या गिरकर शून्य भी हो सकती है।

अब तक की स्थिति
17 लाख लोगों की हो चुकी है जांच
81572 आ चुके हैं पॉजिटिव
1183 की हो चुकी है मौत
380 एक्टिव केस हैं इन दिनों
58 मरीज भर्ती हैं विभिन्न अस्पतालों में

क्या कहते हैं आंकड़ें
– राजधानी में 12 मार्च को कनाडा से लौटी महिला चिकित्सक की रिपोर्ट पॉजिटिव आई।
– 20 मार्च को पाश्व गायिका कनिका कपूर के रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद मची हलचल। कनिका कपूर राजधानी के होटल में जिस पार्टी में शामिल हुई थी, उसमें कई नेता और अफसर मौजूद थे।
– दो अप्रैल 2020को पहली बार दहाई में मिले मरीज। 12 मरीज थे, जो सहारनपुर के निवासी थे।
– 15 अप्रैल को एक साथ मिले 31 मरीज।
– 15 अप्रैल को राजधानी में नजीराबाद निवासी वृद्द की हुई मौत। यह कोरोना से राजधानी निवासी की पहली मौत थी।
– सात मई को राजधानी में एक साथ लिए गए 100 सैंपल ।
18 सितंबर को राजधानी में सर्वाधिक 1244 मरीज एक साथ मिले। इन दिनों संक्रमण की दर सर्वाधिक 15.32 फीसदी रही।

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