.लखनऊ। प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया की मुहिम में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय के डाक्टर की रिसर्च कर रहे है आैर यह रिसर्च पेंटट होकर डाक्टरों को विश्व स्तर पर नया मुकाम दे रही है। केजीएमयू के डेंटल यूनिट के युवा डाक्टर लक्ष्य ने रिसर्च के बाद इलेक्ट्रिक डेंटल लैंप का निर्माण कर किया है। यह लैप प्रयोग में हर स्तर पर मरीजों व डाक्टर के अत्याधुनिक होने के साथ सुरक्षित है। बृहस्पतिवार को लैंप का पेटेंट का लेटर भी केजीएमयू में पहुंच गया है।
केजीएमयू डेंटल यूनिट के प्रोस्थोडॉन्टिक्स विभाग के वरिष्ठ युवा डॉ. लक्ष्य कुमार ने लम्बी रिसर्च के बाद इलेक्ट्रिक डेंटल लैंप बना ली है। इस लैंप का तकनीकी तौर पर डिजाइन भी डा. लक्ष्य ने खुद ही तैयार किया है। उन्होंने बताया कि अभी तक लैब में पानी, उपकरण व गर्म हवा के लिए एलपीजी गैस का प्रयोग होता आया है। प्रयोगशाला में एलपीजी का कनेक्शन से लेकर प्रयोग तक में जूनियर व सहयोगी साथियों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। सुरक्षा के नजरियें से एलपीजी गैस कम ठीक है। प्रयोगशाला में लैंप के प्रयोग के दौरान धुंआ भी भर जाता था। गैस लीकेज का भी खतरा डर बना रहता है।
इन्ही सब दिक्कतों को देखते हुए डॉ. लक्ष्य कुमार को इलेक्ट्रिक लैंप निर्माण का आइडिया मन में आया। उन्होंने आइडिये को लैब में मूर्त रूप देना शुरू किया। नयी लैंप में सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिजाइन कि या गया। इसमें पानी गर्म के लिए कटोरी आदि की आवश्यकता नहीं होगी। एक बटन दबाने पर गर्म हवा भी मिल सकेगी, जो कि इलाज में काम आती है।
उन्होंने बताया कि अब तक हम दो खोज का पेंटेट करा चुके हैं। करीब 16 पेटेंट और कराने हैं। उन्होंने बताया कि इससे पहले वर्ष 2021 में हमारी रिसर्च का पेटेंट हुआ था। कुलपति डॉ. सोनिया नित्यानंद ने डॉ. लक्ष्य को बधाई दी है। पेटेंट होने पर प्रसन्नता व्यक्त की है। उन्होंने रिसर्च में लगे सभी डॉक्टरों से नई शोध और पेटेंट के लिए आवेदन कराने के लिए कहा है।