लखनऊ – जनपद बिजनौर एवं जनपद गाजियाबाद में पुलिस कर्मियों द्वारा आत्महत्या किये जाने की घटनाएं प्रकाश में आयी हैं। ओपी सिंह, पुलिस महानिदेशक द्वारा तत्काल इन घटनाओं को संज्ञान में लेते हुए जोनल अपर पुलिस महानिदेशक, परिक्षेत्रीय पुलिस महानिरीक्षक/पुलिस उपमहानिरीक्षक एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, प्रभारी जनपद को निर्देश दिये गये कि प्रत्येक जोन में पुलिस कर्मियों के मानसिक अवसाद एवं तनाव जैसी समस्याओं के निराकरण के लिये दक्ष मनोवैज्ञानिकों की सेवायें ली जाये।
पुलिस महानिदेशक द्वारा प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय एवं संस्थानों से मनोवैज्ञानिकों का एक पूल बनाये जाने का निर्णय लिया गया है, जिनकी जोन एवं परिक्षेत्र स्तर पर सेवायें ली जायेगी। उपरोक्त मनावैज्ञानिक से पुलिस कर्मियों में व्याप्त मानसिक तनाव एवं अवसाद की समीक्षा कर प्रतिमाह एक तथ्यात्मक रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे, जिससे समय रहते उन कारणों का यथासम्भव निराकरण किये जाने का प्रयास किया जायेगा।
इस हेतु पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह द्वारा पूर्व में लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोवैज्ञानिक विभाग के विभागाध्यक्ष एवं मनोवैज्ञानिक के साथ एक बैठक की जा चुकी है। उक्त बैठक में निर्णय लिया गया है कि लखनऊ विश्वविद्यालय के मनोविज्ञान विभाग में स्थित बायो फीडबैक लैब की भी सेवायें ली जायेंगी। उपरोक्त बायो फीडबैक लैब में एक मशीन के द्वारा पुलिस कर्मियों का स्ट्रेस लेबल नापा जायेगा एवं रेगुलर सेशन द्वारा उनके तनाव को कम किया जायेगा। उक्त बायो फीडबैक लैब में आवश्यकतानुसार प्रदेश के सभी जनपदों से चिन्हित तनावग्रस्त पुलिस कर्मियों की काउंसलिंग की जायेगी।
पुलिस महानिदेशक द्वारा सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक/पुलिस अधीक्षक प्रभारी जनपदों को निर्देशित किया गया है कि जनपद स्तर पर तनावग्रस्त पुलिस कर्मियों को चिन्हित कर मनोवैज्ञानिकों से उनकी काउंसलिंग शीघ्र प्रारम्भ की जाये।
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