लखनऊ। स्वाइन फ्लू, डेंगू व मलेरिया के मरीजों के मिलने के बाद स्वास्थ्य विभाग ने भी इलाज के व्यापक इंतजाम करने के साथ ही लखनऊ को चार जोन में बांट दिया है। सीएमओ डा. जीएस बाजपेयी ने इसके लिए लखनऊ के नक्शे पर मैपिंग करानी शुरू कर दी है। नक्शे में बढ़ते मरीजों को चिह्नित करने के बाद उस क्षेत्र को हाई अलर्ट कर दिया गया है।
नक्शे के अनुसार सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र पीजीआई का क्षेत्र ही हो गया है। इसके अलावा हिंद नगर, जानकारी पुरम के अलावा अन्य क्षेत्रों को चिह्नित कर लिया गया है।
सीएमओ डा. जीएस बाजपेयी ने बताया कि मरीजों के क्षेत्र चिह्नित करने के साथ उन्हीं क्षेत्रों को हाईअलर्ट करते हुए संक्रमण को उसी क्षेत्र में ब्लाक करने की तैयारी है। उन्होंने बताया कि अभी पीजीआई कैम्पस व आस-पास क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। संक्रमण आगे नहीं बढ़ने पाये। इसके लिए लोगों को जागरूक किया जा रहा है।
उधर संवेदनशील क्षेत्र कहे जाने वाले खदरा, फैजुल्लागंज व सीतापुर रोड क्षेत्र में मलेरिया के मरीज मिलने के बाद मलेरिया विभाग के कार्रवाई की कलई खुल गयी है। क्षेत्र में लगभग सात वर्ष पहले डेंगू के कहर से काफी संख्या में मौत हो चुकी है। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने इस हाई रेड जोन की श्रेणी में रख दिया गया है। इस बार भी इस संवेदशील क्षेत्र में मलेरिया के मरीज मिलना नयी खतरे की घंटी बज गयी है।
बताया जाता है कि इन मरीजों की पुष्टि होने के बाद मलेरिया विभाग की टीम चारों मरीजों के घर पहुंच कर आस-पास एंटी लार्वा व फागिंग कराने में जुट गयी है। क्षेत्रीय लोगों का कहना है कि इनमें सबसे ज्यादा खतरा खदरा में बना हुआ आैर फैजुल्लागंज में खाली पड़े प्लाट भी मलेरिया के लिए लार्वा को पैदा करने में जुटे है।