लखनऊ। लगभग 15 दिन पहले वीरागंना अवंतीबाई (डफरिन) अस्पताल में टीककरण के बाद शिशु की मौत पर कार्रवाई स्वास्थ्य विभाग के चक्रव्यूह में फंस गयी है। शिशु के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में स्पष्ट न होने के बाद अब जांच टीम ने विसरा व कसौली से जांच रिपोर्ट आने के बाद कोई कदम उठाने का निर्णय लिया है,जब कि टीकाकरण से मरे शिशु के परिजन पोस्टमार्टम प्रक्रिया में पहले ही सवाल उठा चुके है आैर डफरिन अस्पताल के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करा चुका है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग इसे नजर अंदाज कर रहा है।
टीकाकरण के कुछ देर बाद डेढ़ महीने के शिशु की मौत हो गयी थी। यह टीकाकरण डफरिन अस्पताल में लगाया था। स्वास्थ्य विभाग ने आनन-फानन में जांच टीम बैठा दी। इसके अलावा टीकाकरण में प्रयोग हुई वैक्सीन को सील करके कसौली जांच के लिए भेज दिया गया। इसके पहले शिशु की मौत पर स्वास्थ्य विभाग दावा कर रहा था कि उसे दूध तुरंत पिला दिया गया जो कि गले में जाकर फंस गया। पोस्टमार्टम में स्पष्ट हो जाएगा। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी मौत का कारण स्पष्ट नही हुआ तो विसरा सुरक्षित करके जांच के लिए भेज दिया गया। पोस्टमार्टम की प्रक्रिया पर परिजनों ने आपत्ति की थी। परिजनों ने डफरिन अस्पताल प्रशासन के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज करा दी।
जांच कमेटी ने मातापिता के बयान भी दर्ज किये। इसके बाद कमेटी शांत हो गयी। इस बारे में टीकाकरण कार्यक्रम प्रभारी डा. एम के सिंह ने बताया कि विसरा भी सुरक्षित करके जांच के लिए भेजा गया है आैर वैक्सीन भी जांच के लिए कसौली लैब गयी है। जांच रिपोर्ट आने का इंतजार है।