• केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने अभियान की औपचारिक शुरुआत की
• 14 जनपदों के 45 ब्लाक में चलेगा मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान
लखनऊ। फाइलेरिया रोधी मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) अभियान सोमवार से शुरू हो गया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने नई दिल्ली में अभियान की औपचारिक शुरुआत की। उन्होंने उत्तर प्रदेश व उड़ीसा में चल रहे फाइलेरिया कार्यक्रम की प्रगति की प्रशंसा की। इस मौके पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा व एमडी एनएचएम पिंकी जोवेल मौजूद थीं।
प्रमुख सचिव ने कहा कि एमडीए अभियान में इस बार शत प्रतिशत लोगों को कवर करने का लक्ष्य सामने रखने की रणनीति बनाई गई है। यह अभियान 25 फरवरी तक प्रदेश के 14 जनपदों के 45 ब्लाक में चलाया जाएगा। मेरा विश्वास है कि अगर हर व्यक्ति इसे अपना अभियान मान ले और स्वास्थ्य कर्मी के सामने दवा खा ले तो उत्तर प्रदेश को फाइलेरियामुक्त प्रदेश बनने से कोई नहीं रोक सकता।
लखनऊ में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ रतनपाल सिंह सुमन की अध्यक्षता में वर्चुअल लांच हुआ। इसमें 14 जनपदों से प्रधान व पंचायती राज विभाग के अधिकारी जुड़े।
राष्ट्रीय मच्छर जनित रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीवीबीडीसी) की संयुक्त निदेशक डॉ छवि जोशी ने कहा कि जो लोग दिन में दवा नहीं खा पा रहे हैं उनके लिए गांव में ही डिपो बना दिए जाएं ताकि वे शाम को वहां आकर दवा खा सकें। ये डिपो कोटेदार, आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्कूल या आशा का घर हो सकता है।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के महाप्रबंधक राष्ट्रीय कार्यक्रम डॉ अमित ओझा ने रिफ्युजल केसों पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत बताया। उन्होंने कहा कि अगर हम रिफ्युजल तोड़कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को दवा खिलाने में सफल रहे तो लक्ष्य को हासिल कर सकेंगे। इस अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन से डॉ तनुज शर्मा, पाथ से डॉ शोएब अनवर, पीसीआई से ध्रुव सिंह ने भी अपनी बात रखी।
इस बार इस पांचों जिलों पर विशेष फोकस रहेगा। उन्होंने बताया कि यदि समुदाय के सभी लोग 5 साल तक लगातार साल में केवल 1 बार फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन करें तो फाइलेरिया से हमेशा के लिए सुरक्षित रहा जा सकता है।
यहां खिलाई जाएंगी दो दवा
बलिया, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, सोनभद्र और चित्रकूट के 19 ब्लाक में दो दवा यानी डीईसी और अल्बेंडाजोल खिलाई जाएगी। लखनऊ, उन्नाव, अमेठी, बरेली, प्रयागराज और बाराबंकी के 26 ब्लाक में तीन दवा यानी डीईसी, अल्बेंडाजोल और आइवरमेक्टिन का सेवन कराया जाएगा।
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यह करने से बचें
• ये दवाएं खाली पेट नहीं खाएं
• दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को ये दवाएं नहीं खानी है
• अल्बेंडाजोल गोली को चबाकर खाना है