लखनऊ।थ्रोम्बो इलास्टोग्राफी (टीईजी) परीक्षण सर्जरी के दौरान रक्तस्राव को नियंत्रित करने, थक्कारोधी उपचार की निगरानी करने, और रक्त के थक्के बनने की प्रक्रिया की सटीक जानकारी देने में मदद करता है। यह सर्जरी के परिणामों को बेहतर बनाता है। संजय गांधी पीजीआई में आयोजित एनेस्थीसिया एंड ओटी टेक्नोलॉजिस्ट एसोसिएशन ( टेक्नोकांन-2025) में संस्थान के एनेस्थीसिया टेक्नोलॉजिस्ट गजेंद्र सिंह ने बताया कि सर्जरी से पहले रक्त के थक्का बनाने की स्थिति जानने के लिए एपीटीटी, टीटी जांच होती है लेकिन इस जांच से रक्त का थक्का कितना मजबूत है।
कितने देर के लिए बन रहा है। किस तत्व की कमी के कारण रक्त का थक्का बनने में परेशानी है पता लगता है। सर्जरी के दौरान इस परीक्षण से किस तत्व की कमी है इसका पता लगाते हुए उसे पूरा कर रक्त स्राव को रोकने में मदद मिलती है। मरीज को पूरा रक्त नहीं चढ़ाना पड़ता है रक्त के किस अवयव की जरूरत है पता लगता है।आयोजक राजीव सक्सेना ने बताया कि किसी रोगी को थक्कारोधी उपचार (जैसे कि एंटीकोगुलेंट दवाएं) दिया गया है, तो टीईजी सर्जरी के दौरान दवा के प्रभाव की निगरानी करते हैं। यह सुनिश्चित करता है कि थक्के का निर्माण सही समय पर हो और रक्तस्राव को नियंत्रित किया जा सके। बताया कि टीईजी जांच से फाइब्रिनोजेन के स्तर की निगरानी भी करता है, जो रक्त के थक्के बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। सर्जरी के दौरान फाइब्रिनोजेन के स्तर का सही आकलन रक्तस्राव को रोकने में मदद कर सकता है।
मेडटेक आइडिया को देगा स्वरूप
लखनऊ । मेडटेक( एसटीपीआई) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर श्याम कुमार ने बताया कि ओटी में कई तरह के उपकरण का इस्तेमाल होता है। इन उपकरणों को संशोधित कर और सुरक्षित और सुविधाजनक बनाया जा सकता है। इसमें कैसे सुधार कर सकते है इसके बारे में टेक्नोलॉजिस्ट को सोचने की जरूरत है जो भी नया आइडिया उसे हमारे साथ शेयर करें मेडटेक हर स्तर पर मदद करेगा।
टेक्नोकांन का उद्घाटन निदेशक प्रो.आर के धीमन ने करते हुए कहा कि टेक्नोलॉजिस्ट को शोध करने, शोध पत्र प्रस्तुत करने सहित कई स्तर पर संस्थान मदद करेगा। चिकित्सा अधीक्षक डा. प्रशांत अग्रवाल, मेडिटेक एसोसिएशन के अध्यक्ष डीके सिंह, महामंत्री सरोज वर्मा , टेक्नोलॉजिस्ट मनोज सिंह ने बताया कि एनेस्थीसिया टेक्नोलॉजिस्ट पर्दे के पीछे के हीरो है। सर्जरी की सफलता उनके हुनर पर निर्भर करती है। सेशन चेयर पर्सन डॉ दिव्या श्रीवास्तव एनस्थीसिया, डॉ राहुल गैस्ट्रो सर्जरी