मिजिल्स रूबेला का मुफ्त टीकाकरण जल्द

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लखनऊ । प्रदेश में मिजिल्स और रूबेला बीमारियों की रोकथाम के लिए 24 सितम्बर से मिजिल्स रूबेला का मुफ्त टीकाकरण किया जायेगा। अभी तक सिर्फ खसरा रोकने के लिए ही नियमित टीका लगता आ रहा है, रूबेला का टीका, खसरा यानि मिजिल्स के टीके के साथ मिलाकर तैयार किया गया है। डॉ ए. पी. चतुर्वेदी, राज्य टीकाकरण अधिकारी ने सोमवार को बताया कि यूपी में 24 सितम्बर से खसरे का टीका के साथ रूबेला का टीका लगाने की योजना है। यह अभियान 5 हफ्ते तक चलेगा जिसमें सूबे के सभी 75 जनपदों में 9 माह से 15 वर्ष तक के लगभग 7.64 करोड़ बच्चों का टीकाकरण का लक्ष्य तय किया गया है।

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उन्होंने बताया कि खसरे के टीकाकरण के लिए अभी तक 9 माह पर मीजिल्स-1 और 16 माह पर मीजिल्स -2 टीका लगता रहा है। जिन बच्चों को पहले खसरा का टीका लगा है उनको दोबारा यह टीका लगवाना हैं क्योंकि ये एम. आर. अभियान के अंतर्गत अतिरिक्त टीका है जिसे प्रदेश के प्रत्येक नौ माह से पन्द्रह वर्ष तक के बच्चों को दिया जाना आवश्यक है।

रुबेला एक व्यक्ति के खांसने या छींकने से दूसरे व्यक्ति में फैलता है। यह बीमारी हवा में काफी तेजी से फैलती है. इसका वायरस सिर्फ इंसानों से ही फैलता है । वैसे तो रुबेला से हल्का बुखार और ददोरे जैसे दाने होते है लेकिन अगर गर्भवती महिलों में यह बीमारी हो तो बच्चा अपंग पैदा हो सकता है। इस स्थिति को कांजेनाइटल रूबेला सिंड्रोम (सीआरएस) कहते हैं. ऐसे बच्चे में कान और आँख से सम्बन्धित विकृतियाँ होते हैं या फिर दिमागी तौर पर कमजोर, कई बच्चों में यह मधुमेह का कारण भी बन सकता है और इन सबके लिए उम्र भर दवाई लेनी पढ़ती है। इस बीमारी का डर सबसे ज्यादा उन देशों में होता है जहाँ बच्चों और महिलाओं में प्रतिरोधक क्षमता कम होती है क्योंकि उनका टीकाकरण नहीं हुआ होता है।
विश्व स्वास्थ संगठन के अनुसार दुनिया भर में 2014 में 1.15 लाख बच्चे खसरे से मरे थे और लगभग एक लाख बच्चे सीआरएस से ग्रसित थे.

भारत में 2005 में सीआरएस से ग्रसित केवल 238 बच्चे थे जो 2014 में बढ़कर 4,146 हुए। इन बढ़ते हुए आंकड़ों को देखते हुए सरकार ने मीजल्स रूबेला का टीका टीकाकरण अभियान में शामिल करने का फैसला किया।
भारत में अब भी 38,000 के करीब बच्चे खसरे से जुड़े हुए कारणों से हर साल मरते हैं। जिन बच्चों को खसरा होता है उनकी प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम होती है और वह बार बार दस्त और निमोनिया जैसी बिमारियों का शिकार होते हैं। इन बच्चों की उम्र अमूमन 5 साल से कम होती है।

सरकारी तैयारी

टीकाकरण संबंधी इस अभियान की प्रस्तुति स्वास्थ्य विभाग की ओर से 13 जुलाई को मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डेय के सामने दी गई. जिसमें महिला एवं बाल विकास, गृह, पंचायती, ग्रामीण विकास, शिक्षा, सूचना एवं जनसंपर्क, श्रम, खेल, रेलवे और अल्पसंख्यक विभाग के आलाधिकारी उपस्थित हुए. प्रस्तुति के दौरान अभियान को सफल बनाने की रणनीति पर विस्तारपूर्वक चर्चा हुई.

राष्ट्रीय स्तर मुहिम

केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अनुसार यह अभियान यूपी के अलावा अन्य प्रदेशों में भी शुरू किया जाना है. इसमें गुजरात में 16 जुलाई, झारखण्ड में 26 जुलाई, असम में 31 जुलाई , छत्तीसगढ़ में 6 अगस्त, दिल्ली में अगस्त माह, जम्मू-कश्मीर में सितम्बर व अक्टूबर माह में, त्रिपुरा में 5 सितम्बर, नागालैंड में 3 अक्टूबर, मेघालय मे अक्टूबर माह में, महाराष्ट्र में 14 नवम्बर व बिहार में 15 नवम्बर से टीकाकरण किया जायेगा। अब तक एम आर वैक्सीन का टीका करीब 9.20 करोड़ बच्चों को 20 राज्यों/केन्द्र शासित प्रदेशों में लगाया जा चुका है।

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