लखनऊ। किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की 87वीं जयंती पर पहला एपीजे अब्दुल कलाम मेमोरियल सेलिब्रेशन का आयोजन किया गया। इसका आयोजन मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट के द्वारा किया गया। इस अवसर पर चिकित्सा विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एमएलबी भटट् ने इस मौके पर यूनिवर्सिटी फैकल्टी की 2 प्रेजेंटेशन और स्टूडेंट्स की 6 प्रेजेंटेशन को पुरस्कृत किया गया है। यह प्रेजेंटेशन मेडिकल एजुकेशन में सुधार और नवाचार पर आधारित थीं।
इस अवसर पर मेडिकल एजुकेशन डिपार्टमेंट की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शैली अवस्थी ने कहा, डॉक्टर कलाम सिर्फ महान वैज्ञानिक नहीं, बल्कि देश के सबसे प्रभावशाली शिक्षक भी थे। उन्होंने खुद को उदहारण के रूप में पेश किया। प्रो. अवस्थी ने बताया कि केजीएमयू और मनिपाल अकादमी ऑफ़ हायर एजुकेशन के बीच मॉडर्न मेडिकल एजुकेशन पर आधारित मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग पर दस्तखत किये गए हैं।
यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रोफेसर एच विनोद भट्ट ने कहा कि मेडिकल एजुकेशन महत्वपूर्ण है। मेडिकल स्टूडेंट्स के लिए जितना जरूरी बायोएथिक्स के बारे में जानना है, उतना ही स्ट्रेस मैनेजमेंट और कम्युनिकेशन स्किल को समझना भी है।
एकेटीयू के कुलपति प्रो. विनय पाठक ने कहा कि टेक्निकल और मेडिकल इंस्टिट्यूट के बीच सामंजस्य भी बहुत जरूरी है. डॉक्टर कलाम के करीबी प्रोफेसर सृजन पाल सिंह ने कहा कि कलाम साहब काबिलियत के साथ-साथ बेहतर इंसान होने को तवज्जो देते थे। डॉक्टरों के लिए उनका साफ़ सन्देश था कि उन्हें दर्द को कम करने पर अपना ज्यादा से ज्यादा ध्यान लगाना चाहिए।
फैकल्टी प्रेजेंटेशन को प्रो. अंजू अग्रवाल और प्रोफेसर अपुल गोयल ने पेश किया। यह टीचर को गाइड की तरह स्टूडेंट्स का साथ देने पर आधारित था। वहीं, स्टूडेंट प्रेजेंटेशन अर्पित गर्ग, शोभित नैन, अरजुमंद फारुकी, शशांक गुप्ता और कोकिल तिवारी ने प्रस्तुत किया।
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